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भाजपा में सीमा की इंट्री से जिले में मची हलचल, विपक्ष भी हैरान Aligarh news

हालांकि अभी भी पार्टी के नेता एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया की समधन और क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ठा. श्याैराज सिंह की पत्नी विजय सिंह को दावेदार बता रहे हैं। फिलहाल प्रदेश नेतृत्व के निर्देश का भी इंतजार किया जा रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 10:01 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 10:07 AM (IST)
भाजपा में सीमा की इंट्री से जिले में मची हलचल, विपक्ष भी हैरान Aligarh news
सीमा उपाध्याय को हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल दावेदार भी बताया जा रहा है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  पूर्व कैबिनेट मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी व पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय के भाजपा में शामिल होने के बाद जिले की सियासी गर्मी एकाएक बढ़ गई है। हाथरस की कड़ी को जोड़ते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर जिले में भी तमाम कयास लगाए जा रहे हैं, जिस प्रकार से निर्दलीय प्रत्याशी सीमा उपाध्याय को भाजपा ने पार्टी की सदस्यतता दिलाई है, उसे देखते हुए जिले में भी चर्चा होने लगी है कि निर्दलीय प्रत्याशी को पार्टी में शामिल किया जा सकता है। सीमा उपाध्याय को हाथरस जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रबल दावेदार भी बताया जा रहा है, उसी की तर्ज पर अलीगढ़ में भी भाजपा रणनीति बना सकती है। हालांकि, अभी भी पार्टी के नेता एटा सांसद राजवीर सिंह राजू भैया की समधन और क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ठा. श्याैराज सिंह की पत्नी विजय सिंह को दावेदार बता रहे हैं। फिलहाल प्रदेश नेतृत्व के निर्देश का भी इंतजार किया जा रहा है।

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चिराग उपाध्‍याय हुए थे निष्‍कासित

हाथरस और अलीगढ़ का शुरू से गहरा नाता रहा है। सीमा उपाध्याय और उनके पुत्र चिराग उपाध्याय का भाजपा में शामिल होना इस लिए भी अहम है क्योंकि जिला पंचायत चुनाव के मतदान से एक दिन पहले ही भाजपा ने चिराग उपाध्याय को अपनी मां सीमा उपाध्याय के चुनाव में प्रचार करने पर पार्टी से निष्कासित कर दिया था। हाथरस में करवट ली सियासत को जिले में भी इसी तरह के परिवर्तन से जोड़कर देखा जा रहा है। जिला पंचायत सदस्य की नौ सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हालांकि, दलों में सबसे बड़ी पार्टी के रुप में है, मगर भाजपा के लिए निर्दलीय मुसीबत बने हुए हैं। निर्दलीयों की संख्या 16 है। ऐसे में भाजपा नौ सीटों के साथ ही छह बागियों को भी अपने साथ जोड़ रही है। इस प्रकार कुल 15 सदस्य होते हैं। फिर भी भाजपा नौ और सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए 24 सदस्यों का बहुमत चाहिए। ऐसे में भाजपा को निर्दलीयों का ही सहारा एकमात्र बचता है। इसमें 17 जाट सदस्यों की अहम भूमिका हो सकती है। अभी तक पार्टी विजय सिंह को प्रबल दावेदार बता रही है। हालांकि, जिले से दो नाम भेजे जाने की चर्चा है। हाथरस को देखते हुए भाजपा निर्दलीय प्रत्याशी पर दांव खेल सकती है। इसमें सबसे अधिक चर्चा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चौधरी सुधीर सिंह की पत्नी अंजू चौधरी को लेकर चल रही है। सुधीर सिंह का परिवार आरएसएस से भी जुड़ा हुआ है। सुधीर चौधरी के सगे चाचा देवदत्त भाजपा के मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बहरहाल, भाजपा नेता अभी चुप्पी साधे हुए हैं। 

अन्य दलों में भी हलचले तेज 

हाथरस में बदले समीकरणों के बाद सपा, बसपा, रालोद में भी हलचलें तेज हो गई हैं। उन्हें अंदेशा है कि भाजपा यहां कोई दांव खेलती है तो उन्हें भी अपनी रणनीति बदलने पर विचार करना होगा। खासकर सपा-रालोद को, जो निर्दलीयों को साधने में लगे हुए हैं। 

इनका कहना है

प्रदेश नेतृत्व के निर्देश का इंतजार है। जैसा वहां से निर्देश आएगा उसी अनुसार तैयारी की जाएगी। फिलहाल, विजय सिंह ही अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार हैं। भाजपा ही सबसे बड़े दल के रुप में है। इसलिए पार्टी का ही अध्यक्ष होगा। 

चौधरी ऋषिपाल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा


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