अखिलेश यादव के खिलाफ भाजपा नेता ने दी तहरीर, क्या है मामला पढ़ें विस्तृत खबर
ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से की गई टिप्पणी पर भाजपा नेता बृजमोहन शर्मा ने आपत्ति जताई है। कहा है इससे आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए गुरुवार को सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से की गई टिप्पणी पर भाजपा नेता बृजमोहन शर्मा ने आपत्ति जताई है। कहा है इससे आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने अखिलेश यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए गुरुवार को सिविल लाइंस थाने में तहरीर दी है।
यह है मामला
रघुवीरपुरी निवासी अधिवक्ता पं. बृजमोहन शर्मा की ओर से दी गई तहरीर में कहा गया है कि गुरुवार को उन्हें समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी मिली कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जानबूझकर हिंदू धर्म पर अशोभनीय टिप्पणी करते हुए काशी के ज्ञानवापी प्रकरण को स्मोक स्क्रीन बताया। ये भी कहा कि हिंदू धर्म में यह है कि कहीं भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन जाएगा। इसे पढ़कर मानसिक कष्ट हुआ। इस टिप्पणी से सनातन धर्म के सम्मान व आस्था को ठेस पहुंची है। उनके साथ अधिवक्ता चेतन कुमार शर्मा, हेमंत गोयल, योगेश कुमार शर्मा, प्रशांत गुप्ता, विपिन चौधरी, त्रिवेंद्र कुमार शर्मा मौजूद थे। सिविल लाइंस इंस्पेक्टर प्रवेश राणा ने बताया कि तहरीर मिली है। जांच की जा रही है।
ज्ञानवापी प्रकरण में एएमयू के पूर्व प्रोफेसर का बयान
अलीगढ़। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग नुमा पत्थर निकलने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर और मुफ़्ती जाहिद खान का बड़ा बयान आया है। उनका कहना है कि औरंगजेब के शासनकाल में एक हिंदू राजा औरंगजेब के साथ वहां गए हुए थे, उन्होंने वहां गंगा स्नान किया और कहा कि हम मूर्ति के दर्शन करना चाहते हैं, उस दौरान अकबर के जमाने मे राजा टोडरमल फाइनेंस मिनिस्टर थे और राजा मानसिंह चीफ आर्मी ऑफिसर व डिफेंस मिनिस्टर थे, उस दौरान सरकारी खजाने से वहां मंदिर को बनाया गया था, तो उसी दौरान जब औरंगजेब व एक हिंदू राजा वहां गंगा स्नान के बाद दर्शन करना चाहते थे तब वहां से एक रानी गायब पाई गई, वही जब रानी को तलाशा गया तो रानी नग्न अवस्था मे तैखाने में मिली और उनके साथ दुष्कर्म हुआ था, लिहाजा उस दौरान हिन्दू राजा ने कहा कि रानी के दुष्कर्म के बाद ये जगह अपवित्र हो गयी है और इस जगह को ढहा दिया जाए, उसी दौरान सहमति से उस मंदिर को ढहा दिया गया था।