अलीगढ़ में बायोटेक टीम ने कहा, 2020 में उपलब्ध होगा जीका वायरस का टीका!
तमाम देशों में कहर बरपा रहे जीका वायरस का संक्रमण भारत में भी शुरू हो चुका है। ल्द ही जीका वायरस को लेकर चिंता खत्म होने वाली है।
जेएनएन, अलीगढ़ : तमाम देशों में कहर बरपा रहे जीका वायरस का संक्रमण भारत में भी शुरू हो चुका है। पूरी दुनिया में अभी तक जीका वायरस से बचाने का टीका या सीधा इलाज नहीं है। मगर, जल्द ही जीका वायरस को लेकर चिंता खत्म होने वाली है। वर्षों से शोध कर रही हैदराबाद स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड अगले साल (2020) यह टीका लांच कर देगी और यह बिक्री के लिए बाजार में उपलब्ध होगा। यहां होटल रॉयल रेजीडेंसी में चल रहे इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अधिवेशन 'यूपी पेडिकॉन 2019Ó में रविवार को जीका वायरस समेत कई वैक्सीन को प्रमोट करने आई भारत बायोटेक की टीम ने दी।
टीम का नेतृत्व कर रहे एरिया बिजनेस मैनेजर मोहम्मद आरिफ ने दैनिक जागरण को बताया कि भारत बायोटेक ने देश को अनेक गंभीर बीमारियों की वैक्सीन दी हैं। करीब पांच साल पहले सबसे पहला थायराइड का टीका (typbar tvc) भी हमने ही लांच किया। एक ग्लोबल लॉबी इसे पूरी दुनिया में स्पांसर कर रही है। एक टीके से जिंदगी भर के लिए थायराइड जैसे बीमारी से बचाव हो जाता है। इसी तरह रोटा वायरस, हेपेटाइटिस बी, आदि के टीके भी भारत बायोटेक ने बनाए। वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप बंसल का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भले ही जीका वायरस ने दस्तक न दी हो, मगर यह तेजी से फैल रहा है। भारत बायोटेक टीका लांच कर रहा है। टीका लांच होने से वायरस से बचाव तो होगा ही, दूनिया में भारत का नाम भी होगा।
जल्द होगा पेटेंट
उन्होंने दावा किया कि अब जीका वायरस से बचाव का टीका भी भारत बायोटेक ने तैयार किया है। वायरस पर शोध व परीक्षण के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। भारत सरकार के निर्देशन में जल्द ही टीका पेटेंट होगा। 2020 में इसे लांच करने की तैयारी है। जीका वायरस का पहला टीका 'मेक इन इंडियाÓ होगा।
ये है जीका वायरस
जीका वायरस एडिज, एजिप्टी व अन्य मच्छरों के काटने से फैलने वाला संक्रमण है। इसका वायरस वीनस फ्लेविवायरस व फैमिली फ्लेविविरिडी के तहत आता है। इसकी शुरुआत लैटिन अमेरिकी देशों से हुई है, जो अब भारत भी पहुंच चुका है। इससे संक्रमित गर्भवती से पैदा बच्चा आकार में छोटा व अविकसित दिमाग के साथ होता है। यह शरीर के तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है।