Move to Jagran APP

Bhaiya Dooj 2019: ट्रेन व बसों की दिक्कतों को नजरअंदाज कर बहनों ने भाई को लगाया तिलक Aligarh News

अलीगढ़ और हाथरस में कुछ बहनों भाइयों के घर जाकर टीका कियां तो तमाम भाई बहनों के घर जाकर प्रेम के बंधन को मजबूत किया।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 03:38 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 12:16 PM (IST)
Bhaiya Dooj 2019: ट्रेन व बसों की दिक्कतों को नजरअंदाज कर बहनों ने भाई को लगाया तिलक Aligarh News
Bhaiya Dooj 2019: ट्रेन व बसों की दिक्कतों को नजरअंदाज कर बहनों ने भाई को लगाया तिलक Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन)।  बहनों ने मंगलवार को खुद की परेशानियों को नजरअंदाज कर भाई को तिलक लगाया और भाई-बहन के अटूट रिश्ते को और अधिक मजबूत किया। भाई-दूज पर्व को उल्लास के साथ मनाया। अलीगढ़ और हाथरस में कुछ बहनों भाइयों के घर जाकर टीका कियां तो तमाम भाई, बहनों के घर जाकर प्रेम के बंधन को मजबूत किया। इस पर्व के लिए मिठाई व नारियल के गोले खरीदने के लिए बाजारों में खूब खरीदारी हुई। बहनों-भाइयों को यातायात की मुश्किलें झेलनी पड़ी। ट्रेनों में खचाखच भीड़ थी तो बसों का भी लगभग वही हाल था।

loksabha election banner

बहनों के लिए भाई ने खरीदे गिफ्ट

भैयादूज की खरीदारी के लिए बाजारों में काफी भीड़-भाड़ रही। बहनों ने भाइयों के लिए नारियल का गोला, मिश्री, मिठाई आदि खरीदे। तमाम बहनों ने चाकलेट आदि के पैकेट भी लिए। भाइयों के लिए गिफ्ट आदि भी खरीदा। भैयादूज के दिन टीका करने के बाद एक दूसरे को उपहार दिए। इस पर्व पर भाई ने भी बहनों को उपहार दिए। उपहार स्वरूप भाई अपनी बहनों को साड़ी, आभूषण, नकद धनराशि आदि दिए। बाजारों में गोला व मिठाई के अलावा वस्त्र, सर्राफा आदि की दुकानों पर भी भीड़-भाड़ रही। इस बार गोला 240 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिका। पिछली बार 300 रुपये थी। वहीं मिठाइयों की कीमत भी 200 रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू थी। पिछली बार मिठाइयां 160 रुपये प्रति किलोग्राम से शुरू हुईं थीं। देसी घी की मिठाई 300 रुपये किलो से ऊपर बेची गई।

भैया दूज के लिए हाथरस से 70 अतिरिक्त बसें दौड़ाई

भैयादूज पर्व को भुनाने के लिए परिवहन विभाग ने करीब 70 बसों को विभिन्न रूटों पर लगाया था। बिना कारण बताए अवकाश पर रहने वाले चालक-परिचालकों का वेतन काटने के साथ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी जारी की थी।

एक दिन पहले से चलीं रोडवेज बसें

रोडवेज बसें सोमवार सुबह से ही आगरा, अलीगढ़, सिकंदराराऊ की ओर दौडऩी शुरू हो गई थीं। रोडवेज ने लोकल रूटों के अलावा लंबी दूरी पर भी बसों को चलाने की व्यवस्था कर रखी थी। इसमें दिल्ली, बरेली, हरिद्वार, मुरादाबाद, लखनऊ, नोएडा आदि के लिए बसें बढ़ाई गईं थीं। बसों का संचालन किसी कारणवश प्रभावित न हो इसके लिए चालक व परिचालकों के लिए प्रोत्साहन योजना भी शुरू कर रखी थी। तीन हजार किलोमीटर बस चलाने पर चार हजार रुपये का इनाम निर्धारित कर रखा था। स्टेशन प्रभारी वीरी ङ्क्षसह के अनुसार यदि बिना कारण बताये कोई चालक-परिचालक ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है तो उसका वेतन काटने के साथ उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।

डग्गेमार वाहनों ने काटी चांदी

डग्गेमार वाहनों का भी यात्री खूब सहारा लेते दिखे। रोडवेज बसों व ट्रेनों का समय निर्धारित होने के कारण लोग जल्दबाजी में इन डग्गेमार वाहनों में यात्रा करने के लिए मजबूर थे। कोई चेङ्क्षकग व्यवस्था न होने के कारण  डग्गेमार वाहन छतों पर बैठाकर और लटकाकर यात्रियों को ढोते रहे।

ट्रेन में खचाखच रही भीड़ 

मंगलवार को भैया दूज को लेकर सोमवार से ही ट्रेनें खचाखच दिखीं। लोग जान जोखिम में डालकर सफर पूरा किया। तमाम बहनें मायके जाने के लिए बस स्टैैंड व रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो विभिन्न रूटों पर भारी भीड़ नजर आई। यात्रियों की भीड़ के कारण कई बसें अंदर नहीं गई, जिस वजह से बाइपास पर जाकर बसों का इंतजार करना पड़ा। मथुरा व कासगंज रूट पर जाने वाली ट्रेनों में भी अन्य दिनों की अपेक्षा काफी भीड़ रही। हाथरस सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के इंतजार में लोग काफी देर तक खड़े रहना पड़ा। ट्रेनों में पहले से ही इतनी भीड़ थी कि सीट पाने के लिए खिड़की से अंदर प्रवेश किया। महिला यात्रियों को अधिक परेशानी हुई।

घर के दोष भी होते हैं दूर

हाथरस के पं.उपेंद्रनाथ चतुर्वेदी का कहना है कि भैयादूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यमुना में भाइयों के साथ स्नान करने से बहन व भाई दोनों की आयु बढ़ती है। इसके घर के दोष भी दूर होकर खुशहाली दोनों परिवारों में आती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.