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ऐसे दे कोरोना को मात: भजन, योग-व्यायाम...साथ में फुल आराम Aligarh News

कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या भले ही ङ्क्षचता बढ़ा रही हो मगर स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या भी कम नहीं। अब कोई मरीज डरा-सहमा हुआ कोरोना अस्पतालों में नहीं पहुंच रहा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 02:41 PM (IST)
ऐसे दे कोरोना को मात: भजन, योग-व्यायाम...साथ में फुल आराम Aligarh News
ऐसे दे कोरोना को मात: भजन, योग-व्यायाम...साथ में फुल आराम Aligarh News

अलीगढ़ [विनोद भारती]: कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या भले ही ङ्क्षचता बढ़ा रही हो, मगर स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या भी कम नहीं। अब कोई मरीज डरा-सहमा हुआ कोरोना अस्पतालों में नहीं पहुंच रहा। कुछ सशंकित भी होते हैं तो कोरोना अस्पतालों का माहौल उन्हें 24 घंटे में ही अपना-सा लगने लगता है। जरूरी दवाएं और फुल आराम के साथ मरीज योग, व्यायाम, भजन-कीर्तन के साथ हंसी-ठिठोली भी खूब कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यदि मरीजों के अंदर डर नहीं होगा तो वे और जल्द ठीक होंगे। कोरोना अस्पतालों के मरीजों के स्वस्थ होने की दर इसीलिए ज्यादा है। 

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ऐसे होता है इलाज

जनपद में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज दीनदयाल अस्पताल, हरदुआगंज कोरोना अस्पताल, अतरौली 100 बेड हॉस्पिटल व मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। मरीजों के स्वजनों व संपर्क में आए कई लोगों को छेरत स्थित राजकीय होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रिपोर्ट आने तक रखा जाता है। कोरोना अस्पतालों में मरीजों को उचित देखभाल, दवा व आहार के साथ पर्याप्त आराम तो दिया ही जा रहा है, उन्हें योग-व्यायाम, ध्यान के साथ गीत-संगीत और भजन-कीर्तन आदि की छूट दी गई। हालांकि, दी गईं छूट सरकारी गाइडलाइन का हिस्सा नहीं हैं, मगर विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मरीजों के स्वास्थ्य पर करिश्माई असर दिख रहा है।

ईश्वर में आस्था

अतरौली कोविड अस्पताल के इंचार्ज डॉ. कुलदीप राजपुरी ने बताया कि शुरुआत में कुछ मरीज डरे हुए भी होते हैं। उन्हें समझाया जाता है कि ईश्वर पर भरोसा रखो। खुद पर भरोसा रखो। बीमारी से डरना नहीं, बल्कि हंसते हुए लडऩा है। यहां आपका पूरा ख्याल रखा जाएगा। ऐसे में मरीज 24 घंटे बाद ही जिंदादिली के साथ कोरोना से जंग शुरू कर देते हैं। वार्ड में नित्य योग-व्यायाम, ध्यान और भजन-कीर्तन का नजारा दिखाई देता है।

क्वारंटाइन सेंटर में योग की कक्षा

छेरत क्वारंटाइन सेंटर के इंचार्ज डॉ. अंकित बताते हैं कि हमारे यहां मरीजों के परिवारवाले व अन्य संदिग्ध मरीजों को रखा जाता है। रोज सुबह योग की कक्षा शुरू हो जाती है। इसमें लोग पूरे उत्साह के साथ भाग लेते हैं। थोड़ा बहुत मनोरंजन भी होता है। शारीरिक दूरी का ख्याल रखा जाता है। 

जिंदगी  हर पल जीने का नाम

अतरौली अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके सराय मान सिंह के राज सक्सेना कहते हैं कि मैंने खुद भी मरीजों को योग-व्यायाम के लिए प्रेरित किया। चाहे कोई भी हालात हों, व्यक्ति को हौसला नहीं छोडऩा चाहिए। जिंदगी हर पल जीने का नाम है। अस्पताल में लोग एक-दूसरे से हंसी-ठिठोली व गीत-संगीत का लुत्फ उठाते थे, मकसद एक-दूसरे के अंदर से डर को खत्म करना था।

संगीत व हंसने-गुदगुदाना थेरेपी का रूप

सीएमओ डॉ भानुप्रताप कल्याणी का कहना है कि कोरोना के मरीजों में डर को बाहर करना जरूरी है। उनमें अकेलेपन अथवा खुद के बंधक होने की भावना नहीं होनी चाहिए। गीत, संगीत व हंसने-गुदगुदाने आदि को हम थेरेपी के रूप में ही ले रहे हैं। इसके अच्छे नतीजे भी आ रहे हैं।


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