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कोरोना वायरस के चलते अधिवक्ता 23 मार्च तक नहीं करेंगे न्यायिक कार्य, ये भी है एक और वजह Aligarh news

कोरोना वायरस को लेकर जहां चारों तरफ सतर्कता बरती जा रही है वहीं जिला अदालत के मुख्य भवन में लंबे समय से चमगादड़ों का बसेरा है। कई बार नगर निगम से शिकायत की गई

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 19 Mar 2020 06:39 PM (IST)Updated: Fri, 20 Mar 2020 01:08 PM (IST)
कोरोना वायरस के चलते अधिवक्ता 23 मार्च तक नहीं करेंगे न्यायिक कार्य, ये भी है एक और वजह Aligarh news

अलीगढ़ [ जेएनएन ] : कोरोना वायरस के भय के चलते अधिवक्ताओं ने गुरुवार को दीवानी न्यायालय का प्रवेश दरवाजा बंद कर दिया। साथ निर्णय लिया कि  23 मार्च तक कोर्ट में कोई काम नहीं होगा। यह निर्णय  न्यायिक अधिकारियों व बार एसोसिएशन के बीच हुई बैठक में लिया गया है। जिला अदालत के मुख्य भवन में लंबे समय से चमगादड़ों का बसेरा है। कई बार नगर निगम से शिकायत की गई, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में वकीलों में महामारी फैलने का डर सता रहा है। डीजीसी ने डीएम को पत्र लिखकर प्रभावी कदम उठाने की मांग की है। 

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बार-बार उठाया मुद्दा

डीजीसी (फौजदारी) धीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि 10 साल से जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य भवन में न सफाई का ख्याल रखा जा रहा व रोशनी का इंतजाम है। इसी के चलते यहां चमगादड़ों का झुंड हर वक्त रहता है। डीजीसी ने 12 मार्च 2019 को नगरायुक्त को पत्र लिखा था कि जिला अदालत के नीचे कक्ष नंबर 34 के सामने बरामदे में अंधेरा रहता है। यहां चमगादड़ हर समय चिल्लाती रहती हैं। इससे कार्य में बाधा होती है। उन्होंने सात-आठ एaलईडी लाइट लगवाने की मांग की थी। कई बार मौखिक रूप से अवगत कराया। दीवानी में होने वाली मासिक बैठकों में भी यह मुद्दा बार-बार उठा गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। 

चमगादड़ों से निजात दिलाने की मांग

डीजीसी ने कहा, चीन के एक वैज्ञानिक द्वारा दावा किया गया था कि कोरोना वायरस सांप और चमगादड़ के जरिए लोगों में पहुंचा है। ऐसे में अब और खतरा बढ़ गया है। डीजीसी ने बुधवार को डीएम को पत्र लिखकर चमगादड़ों से निजात दिलाने की मांग की है। पत्र में कहा है कि यहां आठ-दस हेलोजन लाइटों की व्यवस्था की जाए। उन्होंने नगर आयुक्त को भी पत्र भेजा है। 

दीवानी में पसरा सन्नाटा 

कोरोना को लेकर बुधवार को दीवानी में सन्नाटा पसरा रहा। रोज के मुकाबले लोगों की संख्या कम थी। अदालतों के बाहर नोटिस चस्पा थे कि कोरोना के चलते तारीख टाल दी गई हैं। अधिवक्ता भी खाली बैठे थे। उनमें भी कोरोना की ही चर्चाएं थीं। कोर्ट में सिर्फ जमानत अपील सुनी जा रही थीं। इसके अलावा नियमित कार्यों को रोक दिया गया है। 


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