हाथरस में सिंगल यूज़ पालीथिन पर रोक, औचक निरीक्षण करेंगी टीमें
जिले में सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए शहर और देहात में चेकिंग कर पालीथिन को दुकानों से पकड़ने और दुकानदारों पर जुर्माना करने का कार्य किया जा रहा है। नगर निकाय क्षेत्रों टीम चेकिंग लिए निकलेंगे।
हाथरस, जागरण संवाददाता। जिले में सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रयोग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके लिए शहर और देहात में चेकिंग कर पालीथिन को दुकानों से पकड़ने और दुकानदारों पर जुर्माना करने का कार्य किया जा रहा है। नगर निकाय क्षेत्रों टीम चेकिंग लिए निकलेंगी। हसायन में सुबह जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इसमें नगर पंचायत कर्मचारियों द्वारा दीनदयाल उपाध्याय चौराहे पर पालिथीन प्रयोग न करने की शपथ पिलाई गई। जिसमें वार्ड सभासद और ग्रामीणों ने भाग लिया और दृढ़ संकल्प किया कि पालीथिन का प्रयोग नहीं करेंगे।
अभियान जारी रहेगा
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्लास्टिक मुक्त भारत करने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उसके तहत शुक्रवार की दोपहर को हसायन मे दीनदयाल उपाध्याय चौराहे पर सभासद जितेंद्र कुमार की उपस्थिति में नगर पंचायत कर्मचारियों के साथ स्थानीय दुकानदार और ग्रामीणों को शपथ दिलाई गई। साथ ही बताया गया कि किसी भी तरह से सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करेंगे ना ही एक दूसरे को करने देंगे। जिससे होने वाली संचारी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसे लेकर जिले में दो दिन पूर्व से ही अभियान चला या जा रहा है इस संबंध में अधिशासी अधिकारी उप जिलाधिकारी सिकंदराराऊ द्वारा भी नगर में भ्रमण करते हुए लोगों से संवाद किया और सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने का अनुरोध किया गया था, जो अभियान आगे भी जारी रहेगा।
शहर के प्रमुख स्कूलों में लौटी रौनक
हाथरस:गर्मियों की छुट्टियों के बाद शुक्रवार से सीबीएसई बोर्ड सहित सभी विद्यालय खुल गए। विद्यालय की यूनीफार्म में स्कूल जा रहे बच्चे सभी के आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। स्कूल के प्रवेश द्वारों बच्चे एक दूसरे से हाल चाल पूछते नजर आए। हालांकि पहले दिन होने और मौसम खराब होने के चलते उपस्थिति कम रही।
एक से लेकर 12 वीं तक के विद्यालयों में शुक्रवार को रौनक लौट आई। स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल दिखने लगी। करीब चालीस दिन बाद बच्चों ने स्कूल में कदम रखा तो वह भी काफी खुश दिख रहे थे। 20 अप्रैल के बाद सभी विद्यालयों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिया गया था।