अलीगढ़ में गरीबों के मकानों पर अमीरों ने गढ़ा दी अपनी नजर, हैरत में हैं सब
केंद्र सरकार ने गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है, लेकिन इस पर कुछ अमीरों ने नजरें जमा रखी हैं।
अलीगढ़ (सुरजीत पुंढीर)। केंद्र सरकार ने गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है, लेकिन इस पर कुछ अमीरों ने नजरें जमा रखी हैं। खुद के घर होने के बाद भी गरीबों के हक पर डाका डालने की तैयारी में हैं।
यह है योजना
केंद्र सरकार ने 2021 तक हर गरीब को आवास देने का लक्ष्य तय किया है। इसके तहत शहर व देहात तक आवास बनवाए जा रहे हैैं। शहरी क्षेत्र में जिन लाभार्थियों के पास जमीन नहीं हैं, उन्हें सरकार आवास बनाकर दे रही है। जिनके पास जमीन है, उन्हें सीधे ढाई लाख रुपये दे रही है।
जियो टैगिंग जरूरी
कोई भी बेघर व्यक्ति इसके लिए आवेदन कर सकता है। इसके बाद डूडा के माध्यम से उस व्यक्ति की जांच करती हैैं। टीम उस व्यक्ति की जमीन की जियो टैगिंग करती है। इसमें जमीन की फोटो खींची जाती है। इसके बाद निर्माण के लिए राशि जारी होती है। यह लाभार्थी के खाते में पहुंचती है।
दो मंजिला भवन फिर भी कर दिया आवेदन
नौरंगाबाद निवासी राम कुमार सिंह की जीटी रोड पर परचून की दुकान है। दो मंजिला भवन भी है। फिर उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन कर दिया। जांच के बाद आवेदन रद कर दिया गया।
बीच बाजार में है घर फिर भी संतुष्ट नहीं
दोदपुर निवासी मोहम्मद फारुख ताला फैक्ट्री में काम करते हैं। तीन लड़के हैं। सभी काम करते हैं। बाजार में घर है। इसके बाद भी प्रधानमंत्री आवास योजना में आवेदन कर दिया। जांच के बाद आवेदन निरस्त कर दिया गया।
जांच में होंगे आवेदन निरस्त
डूडा के पीओ प्रभात मिश्रा का कहना है कि पीएम आवास योजना में हर बेघर को छत मुहैया करानी है, लेकिन कई बार पहले से निजी मकानों में रहने वाले लोग भी आवेदन कर देते हैं। इन्हें जांच में निरस्त कर दिया जाता है।