शहर के आर्यावर्त बैंक ने 26 हजार किसानों की काटी आरसी Aligarh news
बढ़ते एनपीए (नॉन परफॉर्मेंस अकाउंट) से चिंतित आर्यावर्त बैंक ने बकाया वसूली के लिए सख्त रवैया अपनाया है। अलीगढ़ जिले के 26 हजार किसानों के रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किए हैं।
अलीगढ़ [मनोज जादौन] बढ़ते एनपीए (नॉन परफॉर्मेंस अकाउंट) से चिंतित आर्यावर्त बैंक ने बकाया वसूली के लिए सख्त रवैया अपनाया है। अलीगढ़ जिले के 26 हजार किसानों के रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किए हैं, जिन पर 352 करोड़ रुपये बकाया हैं। बैंक के चेयरमैन एसबी सिंह ने डीएम को पत्र लिखकर इनसे लोन वसूली में सख्ती करने का सुझाव दिया है। जिले में आर्यावर्त बैंक की शाखाएं गंगा से लेकर यमुना किनारे तक बसे गांवों व कस्बों में सेवाएं दे रही हैं। यह बैंक किसान क्रेडिट कार्ड व कृषि उपकरणों के लिए लोन देता। बकाया रुपया वसूलने के लिए किसानों को बैंक की ओर से कई नोटिस जारी किए गए। खाता एनपीए किया गया, फिर भी सुध नहीं ली। स्थानीय बैंक ने लखनऊ मुख्यालय के लिए सख्त रवैया अपनाने का सुझाव दिया। बैंक के उप महाप्रबंधक केयू खान ने कहा कि 26 हजार किसानों के खाते एनपीए चल रहे थे, जिनको रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। आगे की कार्रवाई के लिए डीएम को पत्र लिखा गया है।
इस मद में दिया गया लोन
आर्यावर्त बैंक ने सबसे अधिक लोन केसीसी के माध्यम से जारी किया। ताकि किसान को फसल बोने के दौरान खाद, बीज, डीजल, मशीनरी, कीटनाशक दवा खरीदने के लिए पैसा की दिक्कत न हो।
इसलिए नहीं हो रही वसूली
अर्थशास्त्री डॉ. तनु वाष्र्णेय का मानना है कि बैंकों की खराब आर्थिक स्थिति का मुख्य कारण सियासी दांवपेंच है। 2008 में मनमोहन सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों का पूरा लोन माफ किया था। इससे पहले भी लोन माफ किए गए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में भी किसानों को रिझाने के लिए लोन माफी की सियासी दलों में होड़ मच गई थी। योगी सरकार बनते ही लघु एवं सीमान्त किसानों का एक लाख रुपये तक लोन माफ हो गया। किसान फिर लोन माफी की सोच रहा है।
झंडी लगाने से पीछे हटा प्रशासन
बड़ी राशि बकाया होने पर संबंधित किसान की जमीन नीलाम तक की कार्रवाई होती है। इस कार्रवाई से पहले राजस्व विभाग की टीम संबंधित किसान की जमीन पर झंडी लगाता है। यह अंतिम चेतावनी होती है। लेकिन इस चेतावनी की कार्रवाई से प्रशासन पीछे हट चुका है। सूत्रों के अनुसार इस बैंक के बड़े बकाएदारों की जमीन पर 14 दिसंबर को झंडी लगाई जानी थी। इसकी तैयारी होने के बाद भी झंडी नहीं लगाई जा सकी। इसका कारण प्रदेश मुख्यालय से स्वीकृति न मिलना बताया गया।
बैंक के लोन पर नजर
1676 करोड़ रुपये हैं बैंक का खराब लोन
04 फीसद ब्याज केसीसी लोन पर लेती है बैंक
01 साल में लोन जमा न करने पर खाता ओवरड्यू हो जाता है
12 फीसद ब्याज ओवरड्यू होने पर वसूलती है बैंक
352 करोड़ रुपये आरसी वाले खातों पर है बकाया
यह नहीं कर सकती बैंक
1.60 हजार रुपया बकाया होने पर किसान की जमीन नहीं की जाती कुर्क
3.15 एकड़ जमीन वाले किसान की भूमि को नहीं बना सकते बंधक
क्या है कार्रवाई का प्रावधान
-केसीसी पर सब्सिडी लोन का लाभ एक साल तक मिलता है।
-एक साल के बाद खाता ओवरड्यू मान लिया जाता है।
-तीन साल तक बैंक नोटिस जारी करती है। इसके बाद आरसी कटती है।
-आरसी होने के बाद जमीन को बंधक बना लिया जाता है।
-राजस्व विभाग की टीम दबाव बनाने के लिए किसान को हिरासत में लेती है।
-14 दिन से अधिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता।
-विभाग किसान की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर देता है।