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एएमयू में एक और विवाद, पोस्टर में मंदिर को इंगित करते हुए लिखा स्टॉप फाइटिंग

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक पोस्टर को लेकर फिर विवादों में घिर गया। यह पोस्टर जेएन मेडिकल कॉलेज के वार्ड-16 में डॉक्टरों की ओर से लगाया गया है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 10:22 AM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 10:22 AM (IST)
एएमयू में एक और विवाद, पोस्टर में मंदिर को इंगित करते हुए लिखा स्टॉप फाइटिंग

अलीगढ़ (जेएनएन)।  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक पोस्टर को लेकर फिर विवादों में घिर गया। यह पोस्टर जेएन मेडिकल कॉलेज के वार्ड-16 में डॉक्टरों की ओर से लगाया गया है। सांप्रदायिक सद्भाव पर बनाए पोस्टर में मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा व मस्जिद को दर्शाया गया है। मंदिर को इंगित करते हुए स्टॉप फाइटिंग और मस्जिद को इंगित हुए स्टार्ट लविंग लिखा है। दो माह में यह तीसरा मौका है, जब पोस्टर को लेकर विवाद हुआ है। 18 नवंबर को केनेडी हॉल में होने वाले एक कार्यक्रम के लिए तैयार किए गए पोस्टर में भारत का नक्शा गलत दर्शाया गया था।

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सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर लगाए थे पोस्टर मंदिर

एएमयू के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के चेयरमैन के निर्देशन में 28 नवंबर को सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती (स्टे'यू ऑफ यूनिटी) पर डॉक्टरों ने तीन-तीन पोस्टर लगाए थे। इनमें डॉ. तारिक ने भी पोस्टर लगाए थे। इसमें एक पोस्टर मंदिर, चर्च, गुरुद्वारा व मस्जिद को सांप्रदायिक सद्भाव का पिलर दर्शाते हुए बनाया। इस पोस्टर पर विवाद गहरा गया है। भारत सरकार की राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा निगरानी समिति के सदस्य मानवेंद्र प्रताप सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा है कि मंदिर को सांप्रदायिकता व झगड़े का प्रतीक बताया है। दोनों धर्मों के बीच बैर दिखाने की कोशिश की है। पोस्टर का संदेश ठीक नहीं है।

क्या लिखा पोस्टर में

पोस्टर में सबसे पहले मंदिर को ही झगड़े का प्रतीक बताया गया है। लिखा भी है कि स्टॉप फाइटिंग। कहा है कि पूरे विश्व में वसुदेव कुटुंबकम की भावना केवल मंदिर के जरिए उजागर होती है। एएमयू पीआरओ उमर सलीम पीरजादा ने मीडिया को दिए बयान में कहा है कि  पोस्टर में ऐसी कोई बात नहीं है। इसमें प्यार का पैगाम है।  हमको अ'छाइयां ढूंढनी चाहिए।

क्या बोले पदाधिकारी

आरडीए के उपाध्यक्ष डॉ. हमजा मलिक का कहना है कि पोस्टर सांप्रदायिक सद्भाव के लिए बनाया गया था। हमारा मकसद किसी की भावना आहत करने का नहीं था। पोस्टर में प्यार-मुहब्बत की बात की है, उसी नजरिये से देखा जाना चाहिए। डॉ. तारिक का कहना है कि गूगल पर इस तरह का पोस्टर है, उसी को यहां बनाया गया है। मेरा मकसद किसी की भावना को आहत करना नहीं है। पोस्टर में सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश देने की कोशिश की गई है।


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