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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का अपना होगा एप व यू ट्यूब चैनल

एप व चैनल शुरू करने का मकसद एएमयू की हर गतिविधि से लोगों को अपडेट करना है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 09:01 AM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 12:36 PM (IST)
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू)  का अपना होगा एप व यू ट्यूब चैनल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का अपना होगा एप व यू ट्यूब चैनल

संतोष शर्मा, अलीगढ़ ।  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) देश की पहली सेंट्रल यूनिवर्सिटी होगी, जिसका अपना एप व यूट्यूब चैनल होगा। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम तैयार की जा रही है। एप व यूट्यूब चैनल पर एएमयू का इतिहास, ऐतिहासिक भवन, रिसर्च, सेमिनार, लेक्चर आदि जानकारियां होंगी। 

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यह है एएमयू में

एएमयू में 113 डिपार्टमेंट, 13 फैकल्टी, 18 हॉल हैं। हर किसी का अपना इतिहास है। वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, रसायन विज्ञान समेत कई विभाग 100 साल से अधिक पुराने भवनों में हैं। एप बनाने का मकसद यही है कि इस धरोहर के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानें। एसएस (नॉर्थ) व एसएस (साउथ) हॉल सर सैयद के समय (1877) के बने हुए हैं। एसएस (साउथ) में ही ऐतिहासिक स्ट्रेची हॉल व जामा मस्जिद है। मौलाना आजाद लाइब्रेरी में तो ज्ञान का खजाना भरा है। इस धरोहर की जानकारी भी एप के जरिये लोगों तक पहुंचाने की कोशिश होगी। लाइब्रेरी में दुर्लभ पांडुलिपियों के साथ मुस्लिमों के चौथे खलीफा हजरत अली के हाथों हिरन की खाल की झिल्ली पर कुरान शरीफ की आयतें भी हैैं। 1829 में अकबर के दरबारी फैजी के हाथों फारसी में अनुवादित गीता भी यहां सुरक्षित है। 1400 साल पुरानी कुरान भी यहां रखी है।

चांसलर, कुलपति व पूर्व छात्रों का भी होगा विवरण

एएमयू में 1920 से अब तक 12 चांसलर, 24 कुलपति व 22 सह कुलपति रह चुके हैं। एप में इनके साथ पूर्व छात्रों की जानकारी भी होगी, जिन्होंने देश-विदेश में नाम रोशन किया है। एएमयू ने राष्ट्रपति के रूप में डॉ. जाकिर हुसैन, उप राष्ट्रपति के रूप में हामिद अंसारी के साथ इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब, शायर प्रो. शहरयार व प्रो. काजी अब्दुल सत्तार जैसी शख्सियत पैदा कीं।

यूट्यूब चैनल पर देख सकेंगे हर आयोजन

एएमयू में आएदिन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेमिनार होती रहती हैं। देश-विदेश के विशेषज्ञों को लेक्चर के लिए बुलाया जाता है। यूट्यब चैनल शुरू करने का मकसद ही इन गतिविधियों के वीडियो अपलोड करना है, ताकि दूरदराज बैठे लोग जान सकें। छात्रसंघ के चुनाव हों या शिक्षकों की गतिविधियां, सब एप व चैनल पर होगी। रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद ने बताया कि   यूट्यूब चैनल तैयार करने पर काम चल रहा है। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम बनाई जा रही है। एप व चैनल शुरू करने का मकसद एएमयू की हर गतिविधि से लोगों को अपडेट करना है।


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