हाथरस में रखीं 12वीं सदी की मूर्तियों पर शोध करेगी एएमयू aligarh news
यह मूर्तियां हाथरस सदर कोतवाली परिसर में पेड़ के नीचे रखवा दी गई थीं। इसके बाद प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली।
अलीगढ़ (जेएनएन)। हाथरस की: कोतवाली सदर परिसर में रखीं 12वीं सदी की मूर्तियों पर एएमयू में शोध होगा। यह मूर्तियां कोतवाली परिसर में धूल फांक रही थीं। पुरातत्व विभाग की अनुमति के बाद शनिवार को एएमयू की टीम मूर्तियों को ले गई।
किले की खुदाई में निकली थीं
दो दशक पहले हाथरस के राजा दयाराम के किले की खुदाई के दौरान कुछ मूर्तियां निकली थीं। सप्त मात्रिका फलक की पांच देवियों की इन मूर्तियों के बारे में समाजसेवी विनय ओसवाल ने प्रशासन को अवगत कराया था। तब सुरक्षा की दृिष्ट से यह मूर्तियां हाथरस सदर कोतवाली परिसर में पेड़ के नीचे रखवा दी गई थीं। इसके बाद प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली।
डीएम ने लिखा था पत्र
एएमयू के इतिहास विभाग के प्रोफेसर और पुरातत्व विभाग के प्रभारी प्रो. मानवेंद्र कुमार पुंढीर हाथरस के इतिहास पर स्टडी कर रहे हैं। उन्हें जब इन मूर्तियों के बारे में पता चला तो उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मूर्तियों को संरक्षण हेतु एएमयू को देने के लिए अनुरोध किया। डीएम प्रवीण कुमार लक्षकार ने इस संबंध में एएसआइ को पत्र लिखा। 23 जुलाई को एएसआइ की टीम हाथरस आई और कोतवाली परिसर में रखी मूर्तियों के बारे में जानकारी जुटाई। इसके फोटोग्राफ लिए। इसके साथ ही हाथुरसी माता मंदिर पर रखे पत्थरों के बारे में भी जानकारी की।
पुरातत्व विभाग में रखी जाएंगी
एएसआइ के अधिकारियों ने भी इन मूर्तियों को 12वीं सदी के आसपास का बताया था। एएसआइ और जिला प्रशासन ने इन मूर्तियों को एएमयू को देने की अनुमति दे दी। एएमयू की टीम सशर्त इन मूर्तियों को ले गई है। यह मूर्तियां एएमयू के पुरातत्व विभाग में रखी जाएंगी। जब भी प्रशासन इन्हें मांगेगा तो लौटाना पड़ेगा। डीएम ने बताया कि पुरातत्व विभाग की अनुमति के बाद मूॢतयां सशर्त एएमयू के पुरातत्व विभाग को सौंप दी गई हैं। जब भी स्थानीय प्रशासन मांगेगा तो एएमयू को मूॢतयों को लौटाना पड़ेगा। एएमयू में इन पर शोध किया जाएगा।