एएमयू में नीम, आम, जैतून से कैंसर भगाने पर शोध शुरू
एएमयू नीम, आम, जैतून और एलोवेरा से कैंसर रोग सही होगा। इसके लिए शोध शुरू हो गया है।
अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के दो जंतु वैज्ञानिक अब नीम, आम, जैतून और एलोवेरा जैसे औषधीय पौधों से कैंसर की दवा तैयार करने पर शोध करेंगे। केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इंजीनिय¨रग रिसर्च बोर्ड ने इन्हें कैंसर स्टेम सेल पर रिसर्च के लिए 60 लाख रुपये दिए हैं। यह जिम्मा जंतु विज्ञान विभाग के जेनेटिक्स सेक्शन में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हिफजुर रहमान सिद्दीकी व डॉ. जीजीएचए शादाब को मिला है। वे आयुर्वेदिक व यूनानी दवाओं में भी एंटी-कैंसर तत्वों पर शोध करेंगे।
डॉ. सिद्दीकी के मुताबिक कैंसर स्टेम सेल (कोशिकाएं) वो हैं, जो ट्यूमर में पाई जाती हैं। यही कैंसर फैलाती हैं। अभी इन्हें कीमोथेरेपिक दवाओं या कीमोथेरेपी से खत्म कर देते हैं। फिर भी, कुछ सेल बच जाती हैं। वे नया ट्यूमर बना देती हैं। इससे दोबारा कैंसर होने का खतरा पैदा हो जाता है। इन सेल्स के सफाए की कोई दवा नहीं है। करीब एक दशक से शोध कर रहे डॉ. सिद्दीकी ने एएमयू में कैंसर स्टेम सेल पर विशेष प्रयोगशाला भी स्थापित की है।
डॉ. सिद्दीकी ने कहा कि कीमोथेरेपी में प्रयुक्त रसायनों का शरीर पर बहुत बुरा असर होता है। नए शोध में वह ऐसे रसायनों की खोज करेंगे, जो शरीर में न्यूनतम बुरा प्रभाव डालती हों। इसके लिए नीम, आम, जैतून, एलोवेरा जैसे औषधीय पौधों की एंट्री कैंसर विशेषज्ञता पर शोध करेंगे।
10 लाख यूजीसी से मिले
डॉ. सिद्दीकी को ऐसे ही काम के लिए यूजीसी से भी 10 लाख रुपये मिल चुके हैं। वह अमेरिकन एसोसिएशन फॉर कैंसर रिसर्च समेत कई उच्च संस्थानों में शोध पत्र पेश कर चुके हैं। आठ साल तक अमेरिका में रिसर्च कर चुके डॉ. सिद्दीकी को सोसाइटी फॉर बेसिक यूरोलोजी रिसर्च अमेरिका से वर्ष 2010 में युवा वैज्ञानिक का पुरस्कार भी मिल चुका है। वह इंडियन सोसाइटी ऑफ सेल बॉयोलोजी समेत कई संस्थाओं के आजीवन सदस्य भी हैं।