एएमयू के पूर्व छात्र ने सऊदी में फैलाया साम्राज्य, अपनों का बना रहे कॅरियर Aligarh News
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के बाद नदीम तरीन ने सऊदी अरब में कॅरियर की शुरुआत एक कंपनी में इंजीनियर के रूप में शुरुआत की थी। कंपनी को उनका काम ऐसा भाया कि कुछ साल बाद ही पार्टनर बना लिया।
अलीगढ़,संतोष शर्मा। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के बाद नदीम तरीन ने सऊदी अरब में कॅरियर की शुरुआत एक कंपनी में इंजीनियर के रूप में शुरुआत की थी। कंपनी को उनका काम ऐसा भाया कि कुछ साल बाद ही पार्टनर बना लिया। नदीम की सऊदी में आज खुद की कंपनी है। उन्होंने बिजनेस में तो अपना साम्राज्य स्थापित किया ही भारतीयों को रोजगार भी दिला रहे हैं। एएमयू में हॉस्टल बनवाने से लेकर कई बड़े काम किए हैं। वर्ष 2015 में नदीम तरीन को यूनिवर्सिटी की ओर से डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।
ऐसे किया संघर्ष
नदीम तरीन मूल रूप से संभल के सराय तरीन के रहने वाले हैं। वहां के शंकर इंटर कॉलेज से हाईस्कूल की परीक्षा पास कर उन्होंने 1979 में एएमयू के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में स्नातक (बीएससी इंजीनियरिंग -सिविल ) में दाखिला लिया। एमएससी इंजीनियरिंग भी की। 1980 में उन्होंने दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली में एक परियोजना अभियंता के रूप में काम किया। उसी दौरान उन्हें सऊदी अरब से नौकरी का ऑफर मिला। सऊदी में ‘सऊदी अल तारिस ट्रेडिंग’ में एक साइट इंजीनियर के रूप में काम किया। नदीम तरीन बताते है कि सऊदी की कंपनी में दो-तीन साल काम करने के दौरान ही अच्छी पहचान बन गई। बेहतर काम को देखते हुए कंपनी ने छह साल बाद ही साझेदार बना लिया। इसके बाद सऊदी के लोग समझ गए कि भारतीय अच्छा काम करते हैं ।
भारतीयों की टीम बनाई, फिर खोली कंपनी
नदीम तारिक के अनुसार 1983 से भारतीयों को सऊदी ले जाना शुरू कर दिया। करीब 10 हजार लोगों को जोड़कर एक मजबूत टीम तैयार की। इसके बाद वर्ष 2000 में नेशंस कंस्ट्रक्शन नाम से कंपनी खोली। कंपनी में एएमयू के अलावा देश की दूसरी यूनिवर्सिटी व अन्य शहरों इंजीनियर व अन्य कर्मचारी शामिल किए।
रियाद समेत कई शहरों में कारोबार
कंपनी का हेड ऑफिस रियाद शहर में है। जबकि जददा के अलावा, मक्का व तबूक शहरों में भी है। कंपनी वाटर लाइन, सीवर ट्रेटमेंट प्लांट, मल्टीस्टोरीज आदि के बड़े प्रोजेक्ट पर काम करती है। कंपनी में एक हजार कर्मचारी परमानेंट हैं। नदीम एएमयू ओल्ड बॉयज़ एसोसिएशन रियाद के संस्थापक है। एएमयू कोर्ट के सदस्य के अलावा ड्यूटी सोसायटी अलीगढ़, अखिल भारतीय शैक्षिक आंदोलन, नई दिल्ली, इंडिया बिजनेस फोरम रियाद व भारतीय इंजीनियर्स फोरम रियाद के सदस्य भी हैं।
एएमयू में कराया छात्रावास का निर्माण
नदीम तरीन ने एएमयू को बहुत दान दिया है। सबसे पहले उन्होंने 1993 में 2.4 करोड़ की लागत से 146 कमरों का नदीम तरीन छात्रावास का निर्माण करवाया। जिसमें चार सौ से अधिक छात्र रहते हैं। आयशा तरीन मॉडर्न पब्लिक स्कूल की स्थापना की।