अलीगढ़ की बर्खास्त एएनएम निहा खान के प्रमाण-पत्रों की होगी जांच, जानिए क्या था मामला
जमालपुर अर्बन पीएचसी पर फर्जी टीकाकरण की मुख्य आरोपित व बर्खास्त एएनएम निहा खान रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से गायब है। सरकारी दस्तावेजों में उसका जो पता दर्ज था वह भी फर्जी निकला है। ऐसे में नौकरी के लिए दस्तावेज भी संदेह के घेरे में आ गए हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। जमालपुर अर्बन पीएचसी पर फर्जी टीकाकरण की मुख्य आरोपित व बर्खास्त एएनएम निहा खान रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से गायब है। सरकारी दस्तावेजों में उसका जो पता दर्ज था, वह भी फर्जी निकला है। ऐसे में नौकरी के लिए प्रस्तुत उसके दस्तावेज भी संदेह के घेरे में आ गए हैं। अधिकारियों ने उनकी भी जांच कराने कराने की बात कही है।
ये है मामला
22 मई को जमालपुर अर्बन पीएचसी पर 18 से 44 वर्ष आयु के 200 लोगों का टीकाकरण (कोवैक्सीन) का दावा किया गया, लेकिन वैक्सीन मैनेजर को निरीक्षण के दौरान 29 ऐसी सिरिंज मिलीं, जिनमें वैक्सीन भरी हुई थी और हब कटा था। जिससे पता चला कि काफी लाभार्थियों को बिना वैक्सीन के पोर्टल पर अपडेट किया गया। वायल से वैक्सीन भरने के बाद भी लाभार्थी टीके से वंचित हो गए। निहा खान को 29 टीके लाभार्थी को न लगाकर कचरे में फेंकने पर आपदा अधिनियम, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, तथ्यों को छुपाने, मिथ्या सूचना देने, जानबूझकर कूटरचित कृत्य करना, सांझा साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया है। विभाग ने उसे राष्ट्रीय कार्यक्रम को क्षति पहुंचाने, महामारी अधिनियम का उल्लंघन करे व जनमानस की भावनाअों से खिलवाड़ करने का दोषी माना है।
पुलिस कर रही तलाश
मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस पूछताछ के लिए निहा खान को तलाश रही है, मगर उसका कोई पता नहीं। पुलिस दस्तावेजों में उसका पता किदवई नगर, कासगंज दर्ज है, लेकिन पुलिस कासगंज पहुंची तो शहर में कोई किदवई नगर था ही नहीं। स्वास्थ्य विभाग को इससे अवगत करा दिया है। निहा खान ने पता फर्जी क्यों दर्ज कराया हुआ है, अब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को इसकी तह में जाना होगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. दुर्गेश कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। निहा खान का पता फर्जी मिला है। लिहाजा, उसकी अन्य डिटेल भी चेक कराई जाएंगे। प्रमाण-पत्रों की जांच भी कराई जा सकती है।