अलीगढ़ पुलिस मुठभेड़ की रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
हरदुआगंज एनकाउंटर में घिरी अलीगढ़ पुलिस की मुश्किलें कम नहीं हो रही
अलीगढ़ (जेएनएन)। हरदुआगंज एनकाउंटर में घिरी अलीगढ़ पुलिस की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सवाल उठा रहे स्थानीय नेताओं की आवाज जरूर धीमी पड़ गई है, मगर संस्थाओं की कार्रवाई जारी है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी जांच रिपोर्ट राज्यपाल राम नाईक को सौंप दी गई है। चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दो अक्टूबर को छानबीन के लिए यहां आया था। अब यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी।
यह था मामला
अलीगढ़ के कस्बा हरदुआगंज में 20 सितंबर को पुलिस ने नौशाद और मुस्तकीम को मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस का दावा है कि दोनों हरदुआगंज, पालीमुकीमपुर में तीन साधुओं समेत छह लोगों की हत्याओं में शामिल थे। इन पर विभिन्न जिलों में मुकदमे व सजा भी हो चुकी थी। ये लोग यहां के मूल निवासी भी नहीं थे और गैरकानूनी तरीके से रह रहे थे। पुलिस ने मुस्तकीम को लेकर कुछ साक्ष्य भी जुटाए हैं, मगर नौशाद के आपराधिक इतिहास के पुख्ता सुराग नहीं मिले हैं। इनके परिजन भी एनकाउंटर फर्जी बता रहे हैं।
सपाई दल भी बता चुका है फर्जी
इसको लेकर मंगल पांडेय सेना, सपाई दल भी परिजनों से पूछताछ कर पुलिस की कार्रवाई को फर्जी ठहरा चुके हैं। मानवाधिकार संगठन की ओर से रिपोर्ट सौंपने वालों में अध्यक्ष डॉ. नेम सिंह, महासचिव चंद्रहास मौर्य, शिल्पी चौधरी, प्रदेश सचिव खुर्शीद अहमद व यशपाल सिंह राणा शामिल थे। खास बात यह है मुठभेड़ को रालोद सहित अन्य राजनीतिक दल अपनी राजनीति कर चुके हैं। हकीकत क्या हैं यह चांच का विषय है। राज्यपाल को रिपोर्ट भेजे जाने के बाद अब इसे मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा।