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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से कश्मीर की आजादी को उठा स्वर, छात्रों ने किया प्रदर्शन aligarh news

अचानक निकले मार्च से कैंपस में खलबली मच गई। एएमयू इंतजामिया ने छात्रों को नोटिस देकर कार्रवाई करने जा रहा है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Fri, 06 Sep 2019 09:12 AM (IST)Updated: Fri, 06 Sep 2019 04:21 PM (IST)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से कश्मीर की आजादी को उठा स्वर, छात्रों ने किया प्रदर्शन aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)।  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कश्मीरी छात्र-छात्राओं ने गुरुवार को कैंपस में अपना भारत विरोधी रंग दिखा दिया। उन्होंंने विरोध मार्च निकालकर प्रदर्शन किया। टुकड़े-टुकड़े गैैंग की तर्ज पर आवाज उठाई कि कश्मीर की आजादी का ख्वाब पूरा करेंगे...इंशाअल्लाह। अचानक निकले मार्च से कैंपस में खलबली मच गई। एएमयू इंतजामिया ने छात्रों को नोटिस देकर कार्रवाई करने जा रहा है।

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अभी परिसर में 500 ही हैं

एएमयू में कश्मीर के करीब 1100 छात्र-छात्राएं हैं, जिसमें से अभी परिसर में 500 ही हैं। बाकी घर से नहीं लौटे। कश्मीर से अनु'छेद 370 हटाने के बाद छात्र गुरुवार को बिना सूचना के हाथों में पोस्टर लेकर बाबे सैयद पर पहुंचे। एक छात्रा ने कहा कि कश्मीरी लोग जुल्म के शिकार हो रहे हैं। वहां लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता का कत्ल किया जा रहा है। हरियाणा के मुख्यमंत्री हमारी मां व बहनों के लिए क्या बोल रहे हैं? अपने हक के लिए कश्मीर का ब'चा-ब'चा 70 साल से ढाल बना हुआ है। आजादी का जो ख्वाब देखा है, इंशाअल्लाह उसे हम पूरा करेंगे, तब जाकर दम लेंगे। घाटी में फोन सेवा बहाल होने के बावजूद एक अन्य छात्रा ने कहा कि एक माह हो गया भाई-बहनों की आवाज तक नहीं सुनी है। कश्मीर का मसला वैसा ही है, जैसा 70 साल पहले था। जवाहर लाल नेहरू ने वादा किया था कि कश्मीरी अपना फैसला स्वयं करेंगे, ये पूरा किया जाए।

दूसरी बार प्रदर्शन

पांच अगस्त को धारा 370 हटाने के फैसले का एक माह पूरा होने पर कश्मीरी छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इससे पहले नौ अगस्त को भी प्रदर्शन कर चुके हैैं। एएमयू के प्रवक्ता प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि कश्मीरी छात्रों ने बिना सूचना के विरोध मार्च निकाला था, जो नियम के खिलाफ है। नोटिस देकर आगे की कार्रवाई होगी।

पूरी प्लानिंग के बाद तीखे तेवरों के  साथ सड़क पर उतरे थे कश्मीरी

एएमयू में सड़क पर उतरे कश्मीरी छात्र यूं ही सड़क पर नहीं उतरे थे, इसके लिए कई दिनों से प्लानिंग चल रही थी। बेहतर प्लानिंग का ही परिणाम रहा कि छात्र-छात्राएं मार्च निकालने में सफल रहे। इंतजामिया को भनक तक नहीं  लगी। जबकि कुलपति ने सभी हॉल के प्रोवोस्ट व वार्डन को निर्देश दिए थे कि कश्मीरी छात्रों से वार्ता करते रहें। छात्रों को कैंपस न छोडऩे की सलाल भी दी गई थी। 

370 हटाने से कश्मीरी छात्रों में आक्रोश

जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ही कश्मीरी छात्र आक्रोश में थे। लेकिन तब कोई सामने नहीं आया था। इंतजामिया ने छात्रों को कैंपस न छोडऩे की सलाह दी थी।  तब से छात्र शांत थे। बकरीद की नमाज के बाद जरूर कश्मीरी छात्र सड़क पर उतर थे, लेकिन तेवर ऐसे नहीं थे। गुरुवार को छात्राओं को आगे आकर कश्मीरियों की समस्याओं को सबस अधिक उठाया। माना यही जा रहा है कि कश्मीर छात्र इसकी तैयारी कई दिनों से कर रहे थे। गुरुवार को मौका मिलते ही सड़क पर उतर आए। उनकी प्लानिंग को प्रोवोस्ट व वार्डन भी भांप नहीं पाए। अगर ऐसा होता तो छात्रों को हॉस्टल में रोका जा सकता था।

पैलेट गन का विरोध

छात्रों ने पोस्टरों पर कुछ घायल लोगों की तस्वीरों को भी दिखाया। दावा किया कि ये पैलेट गन से जख्मी हुए लोग हैं। बच्चे भी शिकार हो हरे हैं। कुछ पोस्टरों पर कश्मीर का नक्शा भी बनाया गया था।

यूनिवर्सिटी का खुफिया तंत्र फेल

छात्रों के बीच क्या चल रहा है? इस पर नजर रखने के लिए यूनिवर्सिटी का खुफिया तंत्र है। कश्मीरी छात्रों ने मार्च निकालने के लिए कब प्लान बना लिया? कब एकत्रित हुए, किसी को पता नहीं चला। बाबे सैयद के पास पहुंचने के बाद ही प्रॉक्टोरियल टीम हरकत में आई। इसके बावजूद छात्र संदेश देने में कामयाब रहे। एसएसपी आकाश कुलहरि का कहना है कि एएमयू रजिस्ट्रार से पूरे मामले में जवाब मांगा है। संवैधानिक तरीके से छात्र अपनी बात उठा सकते हैं। किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।


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