Move to Jagran APP

Aligarh Municipal Corporation: 25 हजार एलईडी लगाने का था दावा, चार हजार में ही कर ली तसल्ली

दिन ढलते ही अंधेरे में डूबने वाली सड़कों को 25 हजार एलईडी (स्ट्रीट लाइट) से रोशन करने के जो दावे नगर निगम ने किए थे वह पूरे न हो सके। इस बार भी ईईएसएल कंपनी से अधिकारियों को समझौता करना पड़ा।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 05:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 05:46 PM (IST)
दो साल से एलईडी की आपूर्ति करने में आनाकानी कर रही थी।

अलीगढ़, जेएनएन। दिन ढलते ही अंधेरे में डूबने वाली सड़कों को 25 हजार एलईडी (स्ट्रीट लाइट) से रोशन करने के जो दावे नगर निगम ने किए थे, वह पूरे न हो सके। इस बार भी ईईएसएल कंपनी से अधिकारियों को समझौता करना पड़ा। कंपनी ने चार हजार एलईडी की आपूर्ति कराने का दिलासा दिया और निगम अधिकारियों ने तसल्ली कर ली। अब जाे एलईडी मिली हैं, उन्हें पार्षदों के बताए स्थानों पर लगाया जा रहा है। जिससे पार्षद आपत्ति न कर सकें। लेकिन, बहुत इलाके ऐसे छूट रहे हैं, जहां अब तक एक एलईडी न लग सकी। उने इलाकों में न सड़क है, न नालियां ही बनाई गईं। रात में हादसे का भय लगा रहता है। बारिश के दिनों में जहरीले कीट भी मंडराते हैं, जो अंधेरे में नजर नहीं आते। यहां एलईडी लगना बेहद जरूरी है।

loksabha election banner

यह है मामला

शहर में करीब 39 हजार एलईडी लगाने का दावा कर रही ईईएसएल कंपनी पिछले दो साल से एलईडी की आपूर्ति करने में आनाकानी कर रही थी। इसकी वजह थी साढ़े आठ करोड़ रुपये का भुगतान, जिस पर नगर निगम ने रोक लगा दी थी। 2019 के बाद 2020 भी बीत गया, लेकिन एलईडी की खेप न आ सकी। इधर, शहर के ज्यादातर गली-मोहल्लों में दिन ढलते ही अंधेरा छाने लगा। यहां जो एलईडी लगाई गई थीं, वे खराब हो गईं। कंपनी ने सर्विस देना भी बंद कर दिया। जबकि, एलईडी लगाने के बाद पांच साल तक इनके रख रखाव, खराब होने पर बदलने की जिम्मेदारी कंपनी की है। नगर निगम के पथ प्रकाश विभाग में शिकायताें की संख्या बढ़ने लगी। पार्षद भी विरोध में उतर आए। सिर के ऊपर से पानी निकलता देख निगम ने शासन स्तर से होने वाले साढ़े चार करोड़ रुपये के भुगतान की संस्तुति दे दी। वहीं, अपने स्तर से एक करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया। निगम ने 25 हजार एलईडी की मांग की। ये एलईडी महाशिवरात्रि पर्व से पहले लगनी थीं। लेकिन, आपूर्ति न हो सकी। अब कंपनी ने चार हजार एलईडी की आपूर्ति पर सहमति जताई है। एक खेप भेज भी दी। लेकिन, मांग के मुताबिक ये एलईडी बहुत कम हैं। यह बात निगम अधिकारी भी जानते हैं, लेकिन कंपनी पर दवाब नहीं बना पा रहे। इसकी वजह भी है। क्योंकि, कंपनी का अनुबंध सीधा शासन से हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.