AMU का बैंक खाता सीज करा चुके नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने किया ट्वीट- टैक्स दें तो हों विकास कार्य
एएमयू का खाता सीज करा चुके नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने मंगलवार कि ट्वीट किया कि ये राशि जमा हो तो विकास कार्य कराए जाएं। वहीं एएमयू ने कहा है कि खाता सीज होने से कोरोना वायरस के खिलाफ जेएन मेडिकल कॉलेज की जंग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
अलीगढ़, जेएनएन। संपत्ति कर का 14 करोड़ 98 लाख 11 हजार 380 रुपये जमा न करने पर नगर निगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का बैंक खाता सीज करा दिया है। यह कार्रवाई सोमवार को एएमयू कैंपस स्थित एसबीआइ की शाखा पहुंचकर नगर निगम की टीम ने की। एएमयू का खाता सीज करा चुके नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने मंगलवार कि ट्वीट किया कि ये राशि जमा हो तो विकास कार्य कराए जाएं। इस पर एएमयू ने कहा है कि खाता सीज होने से कोरोना वायरस के खिलाफ जेएन मेडिकल कॉलेज की जंग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। वहीं, शहर के बड़े बकाएदारों के नाम सार्वजनिक करने की तैयारी शुरू कर दी है।
एएमयू पर 1994 से संपत्ति कर बकाया चल रहा है। यह बकाया राशि बढ़कर 14 करोड़ 98 लाख 11 हजार 380 रुपये पहुंच चुकी है। इसमें 12 प्रतिशत की दर से प्रतिवर्ष ब्याज भी शामिल है। सोमवार को एसबीआइ ब्रांच पहुंचे निगम अधिकारियों ने एएमयू का खाता सीज करा दिया।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी विनय राय के मुताबिक बकाया राशि जमा करने के लिए एएमयू को कई बार नोटिस दिए गए। लेकिन, बकाया राशि जमा नहीं की गई। तीन दिसंबर को डिमांड नोटिस भेजकर 15 दिन का समय दिया गया था। इस अवधि में भी बकाया जमा नहीं हुआ, तब यह कार्रवाई की गई थी।
उधर, नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने मंगलवार को अपने ट्विटर हैंडल पर नगर निगम की इस कार्रवाई का जिक्र करते हुए ट्वीट किया कि 'उम्मीद है कि एएमयू जल्द ही इस पैसे को जमा कर देगा ताकि इसका इस्तेमाल अलीगढ़ शहर के विकास में हो सके'।
खाता सीज होने से कोविड-19 के विरुद्ध जारी जंग पर पड़ेगा असर : इस मामले में एएमयू ने कहा है कि खाता सीज होने से कोरोना वायरस के खिलाफ जेएन मेडिकल कॉलेज की जंग पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। बजट न निकलने से कई और दिक्कतें आ सकती हैं। उधर, एएमयू प्रशासन ने बकाए के मामले के समाधान के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र लिखा है।