अलीगढ़ का मेटल इंसर्ट खोलता है बांग्लादेश के गैस सिलिंडर की पिन Aligarh News
अलीगढ़ एक ओर ताले और तालीम के लिए दुनिया में विख्यात है बांग्लादेश में घर-घर प्रयोग होने वाले एलपीजी सिलिंडर की पिन भी यहीं बनाई जाती है।
मनोज जादौन, अलीगढ़ : अलीगढ़ एक ओर ताले और तालीम के लिए दुनिया में विख्यात है, बांग्लादेश में घर-घर प्रयोग होने वाले एलपीजी सिलिंडर की पिन भी यहीं बनाई जाती है। प्लास्टिक के पारदर्शी (ट्रांसपेरेंट) एलपीजी सिलिंडर में अलीगढ़ निर्मित कंपोनेंट (पुर्जा) इंसर्ट लगाया जाता है। यह पीतल से निर्मित है। यहां नायलोन के सिलिंग प्लग भी बनाए जाते हैं। इन कलपुर्जों का निर्माण तालानगरी स्थित कंपनी नित्या क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड करती है।
जर्मनी में हुई थी खोज
यूएसए जैसे अमेरिका, यूरोपियन देश इटली, जर्मनी, चेक रिपब्लिक सहित अन्य विकसित देशों में पारदर्शी एलपीजी सिलिंडरों का निर्यात देश की चुनिंदा कंपनियां करती हैं। सबसे पहले जर्मनी में प्लास्टिक के पारदर्शी सिलिंडर की खोज हुई थी। मध्य प्रदेश में एक जर्मनी कंपनी ने इसी तकनीक का प्लांट लगाया, जिसका सिलिंडर निर्यात के लिए कई देशों से करार है। अलीगढ़ की नित्या क्रिएशन इंसर्ट व सिलिंग प्लग सप्लाई करती है। बांग्लादेश की सरकार ने लोहे के सिलिंडरों से हो रहे विस्फोट के चलते प्लास्टिक सिलिंडर की अनिवार्यता का फैसला लिया है। इसके चलते नित्या क्रिएशन के कलपुर्जों की बाजार में मांग बढ़ी है।
साढ़े छह किलो का होता है प्लास्टिक का सिलिंडर
लोहे का गैस सिलिंडर करीब 16 किलो का होता है, जबकि गैस का वजन करीब 14 किलो। प्लास्टिक के पारदर्शी सिलिंडर का वजन मात्र साढ़े छह किलो है। इससे ट्रांसपोर्ट का खर्च एक तिहाई कम होता है। इसमें गैस चोरी नहीं हो सकती। यह सिलिंडर में देखी जा सकती है। विस्फोट भी नहीं होता। किन्ही परिस्थितियों में हो भी जाए, तो जान माल की हानि कम होती है।
चल रहा पारदर्शी सिलिंडर का ट्रायल
महाराष्ट्र के नागपुर की निजी रसोई गैस सप्लाई करने वाली कॉन्फिडेंस इंडिया गैस प्राइवेट लिमिटेड ने पारदर्शी सिलिंडर का निर्माण शुरू किया था। इसके इलीट गो गैस कंपनी के नाम से सिलिंडर व बॉटलिंग प्लांट हैं। देश में इस सिलिंडर की जल्द ही अनिवार्यता की उम्मीद है।
कंपनी ने बढ़ाए ऑडर
नित्या क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक नवनीत वाष्र्णेय का कहना है कि बांग्लादेश में पारदर्शी प्लास्टिक के सिलिंडर बदले जा रहे हैं, जिससे कंपनी ने ऑर्डर बढ़ा दिए हैं। पहले एक हजार पीस रोज बनते थे। अब दो हजार बना रहे हैं। निदेशक सुनील वाष्र्णेय का कहना है कि मेटल इंसर्ट व सिलिंग प्लग के निर्माण में प्रिशिजन इंजीनियङ्क्षरग का प्रयोग किया जा रहा है। 32 सीएनसी व वीएमसी जैसी आधुनिक मशीनों का प्रयोग निर्माण में हो रहा है।