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सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे मालवीय

पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को तो सभी जानते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 01:50 AM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 01:50 AM (IST)
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे मालवीय
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे मालवीय

जासं अलीगढ़ : पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को तो सभी जानते हैं, मगर वह सामाजिक क्रांति के आंदोलन के भी अग्रदूत थे। महात्मा गांधी से पहले उन्होंने ही छूआछूत के खिलाफ मुहिम चलाई थी। उन्हें तमाम दुश्वारियां उठानी पड़ीं, मगर अपने नेक काम से वह पीछे नहीं हटे। अक्रूर पार्क में मदन मोहन मालवीय की जयंती पर आध्यात्मिक गुरु सुनील कौशल महाराज के इन प्रेरक शब्दों को सुनकर तालियां गूंज उठीं।

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उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि भी उन्हीं की देन है। समाजसेवी राजा राम मित्र ने कहा कि महापुरुष पूरे समाज के होते हैं, उन्हें एक समाज में नहीं बांधा जा सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप शर्मा ने कहा कि मालवीय जी का जीवन आदर्श से भरा हुआ था। ब्राह्माण महासभा के मंडल अध्यक्ष धनंजय शर्मा ने कहा कि वह ऐसे पुनीत अवसर पर गरीब बेटियों की शादी का संकल्प लेते हैं। ब्राह्माण महासभा के जिलाध्यक्ष नीरज शर्मा और प्रशांत शर्मा ने कहा कि बेटियों की शिक्षा और संस्कार के लिए वह सदैव आगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार पंकज धीरज ने कहा कि मालवीय जी पत्रकार, अधिवक्ता और सच्चे देशभक्त थे। द वर्किग जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के चेयरमैन सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि वह संपूर्ण समाज की धरोहर हैं। नीरज शर्मा ने अतिथियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में तपन शर्मा, अमित अग्रवाल, प्रशांत भारद्वाज और सुभाष पचौरी ने कहा कि मालवीय जी का सामाजिक योगदान अविस्मरणीय था। इस मौके पर नरेंद्र गौतम, केके गौतम, मनोज शर्मा, श्रवण काके, लोकेश उपाध्याय, अखिलेश गिरी और कोमल माथुर आदि मौजूद थे।


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