Aligarh Lok Sabha Seat: अलीगढ़ में मुस्लिम मतों का झुकाव या बिखराव परिणाम पर डालेगा असर! प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज
अलीगढ़ में ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम तीसरी जीत का तानाबाना बुन रहे हैं तो बसपा ने भी पैंतरा बदल कर यहां सजातीय प्रत्याशी उतारा है। अपने मुस्लिम प्रत्याशी गुफरान नूर का टिकट काटकर उसने भगवा खेमा छोड़कर आए हितेन्द्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय पर दांव खेला है। सपा ने जाट बिरादरी के पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह पर फिर भरोसा जताया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों पर सु्बह सात बजे से मतदान शुरू होगा। इस चरण में कुल 91 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिसमें 10 महिला प्रत्याशी हैं। अलीगढ़ में ब्राह्मण जाति से ताल्लुक रखने वाले भाजपा प्रत्याशी सतीश गौतम तीसरी जीत का तानाबाना बुन रहे हैं तो बसपा ने भी पैंतरा बदल कर यहां सजातीय प्रत्याशी उतारा है।
अपने मुस्लिम प्रत्याशी गुफरान नूर का टिकट काटकर उसने भगवा खेमा छोड़कर आए हितेन्द्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय पर दांव खेला है।
सपा ने जाट बिरादरी के पूर्व सांसद चौधरी बिजेन्द्र सिंह पर फिर भरोसा जताया है। अलीगढ़ सीट पर सर्वाधिक मुस्लिम मतदाता हैं। बावजूद इसके प्रमुख दलों का कोई मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में नहीं है। मुस्लिम मतों का झुकाव या बिखराव यहां के परिणाम पर असर डालेगा।
यूपी की आठ सीटों पर मतदान
अठारहवीं लोकसभा के चुनाव के दूसरा चरण में यूपी की आठ सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। इस चरण में कुल 91 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जिसमें 10 महिला प्रत्याशी हैं। आठ लोकसभा क्षेत्रों में कुल 1,67,77,198 मतदाता है, जिसमें 90,26,051 पुरुष, 77,50,356 महिला व 791 थर्ड जेंडर हैं।
पश्चिमी यूपी की इन आठ सीटों पर शुक्रवार सुबह सात से शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। गौतम बुद्ध नगर व मथुरा सीट पर सर्वाधिक 15-15 और बुलंदशहर में सबसे कम छह प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अमरोहा में 12, मेरठ में आठ, बागपत में सात, गाजियाबाद व अलीगढ़ में 14-14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे चरण के आठ लोकसभा क्षेत्रों के तहत 40 विधानसभा आती है, जोकि अमरोहा, हापुड़, मरेठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ एवं मथुरा जिले में स्थित हैं।
2019 में भाजपा ने अमरोहा को छोड़ इस चरण की शेष सात सीटें जीती थीं। अमरोहा पर बसपा काबिज हुई थी। अगर बात दूसरे चरण की हो तो यह न केवल भाजपा-रालोद बल्कि सपा-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी कड़ी परीक्षा है।