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Aligarh lockdown update : गर्भवतियों व नवजातों को भी दें 'सुरक्षा चक्र'Aligarh News

कोरोना वायरस संक्रमण से जारी जंग में गर्भवतियों व नवजात शिशुओं की देखभाल भी बहुत जरूरी है। लॉकडाउन में सेहत खराब होने से चुनौतियां बढ़ सकती हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 02:55 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 02:55 PM (IST)
Aligarh lockdown update : गर्भवतियों व नवजातों को भी दें 'सुरक्षा चक्र'Aligarh News
Aligarh lockdown update : गर्भवतियों व नवजातों को भी दें 'सुरक्षा चक्र'Aligarh News

अलीगढ़ जेएनएन: कोरोना वायरस संक्रमण से जारी जंग में गर्भवतियों व नवजात शिशुओं की देखभाल भी बहुत जरूरी है। लॉकडाउन में सेहत खराब होने से चुनौतियां बढ़ सकती हैं। उनका इस तरह ख्याल रखें कि अस्पताल जाने की नौबत ही न आए। एक और चुनौती  इन्हें कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने की है। विशेषज्ञ भी उनके लिए सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

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खुद को सुरक्षा कवच में रखें गर्भवती महिलाएं

राठी हॉस्पिटल की स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा राठी ने बताया कि गर्भवती होने के साथ एक औरत का जीवन नई उम्मीदों से भर जाता है। उसे खुद से ज्यादा गर्भस्थ शिशु की अधिक चिंता होती है। लॉकडाउन के चलते भले ही वे घर में हों, मगर मानसिक रूप से कुछ परेशान भी हैं। गर्भवतियों को चाहिए कि वे खुद को सुरक्षा कवच में रखें। सबसे अच्छा सुरक्षा कवच आपका घर ही है। तनाव को दिमाग पर हावी न होनें दें, खुश रहें। किताबें पढ़ सकती हैं। दूरदर्शन पर आजकल अच्छे कार्यक्रम भी आ रहे हैं।

खानपान का रखे ख्याल

डॉ. राठी ने बताया कि गर्भवती लो कैलोरी (वसा रहित) व हाई फाइबर युक्त भोजन लें। हरी पत्तेदार सब्जियों व फल ज्यादा खाएं। अंडा, चिकन व मछली का सेवन न करें, क्योंकि इस समय शारीरिक गतिविधियां थमी हुई हैं। उन्हें ये वस्तुएं पचने में दिक्कत करेंगी। कैल्शियम की कमी के लिए दूध ले सकती हैं। जंक फूड का सेवन न करें। सबसे अहम बात ये कि डॉक्टर उपलब्ध न हो तो घर के बुजुर्गों से खानपान से संबंधित सलाह ले सकती हैं।  

शिशुओं का ख्याल रखना भी जरूरी

सुखसागर हॉस्पिटल की नवजात व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवाली ङ्क्षसह कहती हैैं कि नवजात शिशुओं के लिए स्तनपान अमृत समान होता है। यह कई एंटीबॉडीज व एंजाइम तैयार करता है। छह माह तक स्तनपान कराने से नवजात डायरिया व निमोनिया जैसी बीमारियों से बचा रहता है। परिवार में कोई सर्दी, खांसी, बुखार आदि का मरीज हो तो नवजात को उससे दूर रखें। नवजात के साथ मां अलग कमरा साझा करें। 


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