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'रिटेल गुरु' में अलीगढ़ के कारोबारियों को सलाह, बाजार के साथ हमें भी बदलना होगा

जो दिखता है वही बिकता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 11:59 AM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 11:59 AM (IST)
'रिटेल गुरु' में अलीगढ़ के कारोबारियों को सलाह, बाजार के साथ हमें भी बदलना होगा
'रिटेल गुरु' में अलीगढ़ के कारोबारियों को सलाह, बाजार के साथ हमें भी बदलना होगा

अलीगढ़ : रिटेल सेक्टर में मॉल कल्चर व ई-कॉमर्स से पारंपरिक रिटेल कारोबार को चुनौती मिल रही है। मल्टी नेशनल कंपनियां स्थानीय रिटेल बाजार पर काबिज होती जा रही हैं, ऐसे में स्थानीय रिटेल कारोबारियों को अपनी पहचान बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है। इन चुनौतियों से निपटना आसान नहीं तो नामुमकिन भी नहीं है। बाजार बदला है तो हमें भी बदलना होगा। इसी सोच के साथ दैनिक जागरण ने रिटेल कारोबार को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। कारोबार से लेकर कारोबारियों की सोच, नजरिया, भविष्य की संभावनाओं पर खास नजर रखते हुए शुक्रवार को पुन: 'रिटेल गुरु' के जरिए बेहतर करने का प्रयास किया गया। विभिन्न क्षेत्र के कारोबारियों को एक ही छत के नीचे लाकर उनके सपनों को पंख लगाने की कोशिश की गई।

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दो दिवसीय 'रिटेल गुरु' कार्यक्रम शुक्रवार को होटल मेलरोज इन में शुरू हुआ। शुभारंभ 'रिटेल गुरु' के यूपी हेड नीरज सेठ, एरिया मैनेजर शैलेंद्र दीक्षित, जीएम मार्केटिंग जुगल गौड़, यूनिट हेड दीपक दुबे, संपादकीय प्रभारी नवीन सिंह पटेल व एचआर हेड हरीश शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। दो सत्रों में कारोबारियों को 'एक नया कल' देने के लिए संभावनाओं की राह दिखाई गई। रिटेल कारोबार को बढ़ावा देने, बदलते परिवेश में बाजार से ग्राहकों को जोड़ने व भविष्य के अवसरों से रूबरू कराया गया। संदेश साफ था कि बाजार में जो दिखता है, वही बिकता है।

रिटेलर्स करेंगे मल्टीनेशनल कंपनियों से मुकाबला : मुख्य वक्ता नीरज सेठ ने कहा कि रिटेल कारोबार पर नजर डालें तो देखेंगे कि बड़े-बड़े परिवर्तन हो रहे हैं। मल्टी नेशनल कंपनियां बड़े आकार के विज्ञापन दे रही हैं, रिटेलर्स चाहते हुए भी विज्ञापन के जरिए ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाते, क्योंकि प्रॉफेट ऑफ मार्जिन कम होने से मल्टीनेशनल कंपनियों का मुकाबला नहीं कर पाते। दैनिक जागरण की सोच रही है कि हम भी आगे बढ़े और आप भी आगे बढ़ें। 'रिटेल गुरु' इसका परिचायक है, जिसमें विज्ञापनों पर 88 फीसद तक डिस्काउंट मिल रहा है। इंकिलाब, एसएमएस व सिनेमा स्लाइड की अतिरिक्त सुविधा भी मिलेगी, ताकि आपकी बात आसानी से ग्राहक तक पहुंचे। इसमें जागरण का भी लाभ है। स्थानीय विज्ञापनों को पाठक यानी ग्राहक खबर की तरह ही लेता है। स्थानीय विज्ञापन न हों तो अखबार की रीडरशिप व प्रसार संख्या पर सीधा असर पड़ेगा। दैनिक जागरण की प्रसार संख्या सबसे ज्यादा है। नए पैकेज कारोबारियों को जरूर पसंद आएंगे। कारोबार को बुलंदी तक पहुंचाना ही 'रिटेल गुरु' का मकसद है। ग्राहकों को आकर्षित करने की सीख

'रिटेल गुरु' में ऑडियो-वीडियो के माध्यम से ग्राहकों को आकर्षित करने की सीख भी दी गई। 'जो दिखता है, वो बिकता है' वास्तव में यह जुमला बाजार का सूत्र वाक्य बन गया है। प्रोजेक्टर पर इसे सार्थक करते प्रतिष्ठानों की सफलता की कहानियां दिखाई गईं। समझाया गया कि ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विज्युअल मर्चेटाइजिंग बेहद जरूरी हो गई है। इसमें कलर, थीम, लाइटिंग व स्टोर लेआउट की अहम भूमिका है। अच्छी विज्युअल मर्चेटाइजिंग से ग्राहक खुद व खुद दुकान व उत्पाद की तरफ खिंच जाता है। उसे सबकुछ जाना-पहचाना सा लगता है। स्थानीय रिटेलर्स ने 'रिटेल गुरु' का उत्साह के साथ इस्तकबाल किया। रिटेलर्स बोले पुनीत गुप्ता ने बताया कि रिटेल गुरु में आकर अच्छा लगा। दैनिक जागरण ने अच्छे पैकेज दिए हैं। निश्चत तौर पर रिटेल कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। राजीव कुमार का कहना है कि विभिन्न क्षेत्र के कारोबारियों को एक ही छत के नीचे लाने की अच्छी पहल है। वास्तव में विज्ञापन आज बाजार की जरूरत है।

महेश चंद्र अग्रवाल का कहना है कि यहां आकर रिटेल कारोबार के समक्ष आ रहा चुनौतियों को समझा। ग्राहकों को जोड़ने के लिए विजुअल मर्चेटाइजिंग की महत्ता को जाना। गुंजित वाष्र्णेय ने बताया कि 'रिटेल गुरु' के रूप में व्यापारियों को भविष्य की राह मिली है। स्थानीय रिटेलर्स मल्टीनेशनल कंपनियों की तरह विज्ञापन दे सकते हैं।

राज अग्रवाल ने बताया कि लाभ सीमित होने के कारण रिटेलर्स महंगे विज्ञापन पर ज्यादा खर्च नहीं कर पाता, मगर दैनिक जागरण ने इसे संभव कर दिया है। शैलेंद्र गोयल का कहना है कि बाजार में टिके रहने के लिए विज्ञापन कराना जरूरी हो गया है। अखबार सबसे बेहतर माध्यम है। रिटेल गुरु के लिए जागरण को बधाई।


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