अलीगढ़ ने कोरोना की दूसरी लहर को किया विदा, जानिए कैसे Aligarh news
अप्रैल व मई का वह दौर जब रोजाना 250 300 और 400 से अधिक तक कोरोना संक्रमित मरीज निकल रहे थे। वहीं रोजाना 15-20 मरीज कोरोना से हारकर काल का ग्रास बन रहे थे। ऐसे दौर से उभरकर जनपद ने दूसरी लहर को जनपद से विदा कर दिया।
अलीगढ़, जेएनएन । अप्रैल व मई का वह दौर, जब रोजाना 250, 300 और 400 से अधिक तक कोरोना संक्रमित मरीज निकल रहे थे। वहीं, रोजाना 15-20 मरीज कोरोना से हारकर काल का ग्रास बन रहे थे। ऐसे दौर से उभरकर जनपद ने बेहद तेजी के साथ दूसरी लहर को जनपद से विदा कर दिया। बुधवार को पांचवें दिन भी कोई नया संक्रमित मरीज नहीं निकला। सक्रिय मरीजों की डिस्चार्ज होते ही जनपद को कोरोना मुक्त होने की उपलब्धि भी मिल गई। आइए जानें, कैसे हुआ यह संभव।
सैंपलिंग व स्क्रीनिंग पर जोर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद दौरे के दौरान स्वास्थ्य विभाग को सैंपलिंग व स्क्रीनिंग बढ़ाने पर जोर दिया। पूर्व में जहां तीन से चार हजार लोगों के सैंपल लिए जा रहे थे। मुख्यमंत्री के जाने के बाद सात हजार तक सैंपल लिए गए। आशा, एएनएम व अन्य कर्मियों के माध्यम से लोगों की स्क्रीनिंग कराई गई। संदिग्ध मरीजों की मौके पर ही एंटीजन किट से जांच कर संक्रमण का पता लगाया गया। संक्रमित मरीजों को घर पर ही या कोविड अस्पताल में उपचार शुरू किया गया। इससे संक्रमण की चेन टूटती चली गई। रेलवे स्टेशन व बस स्टेशनों तक यात्रियों की जांच की जाती रही।
कोविड प्रोटोकाल का पालन
जनपद में भले ही कुछ लोग मास्क व शारीरिक दूरी का उल्लंघन करते हुए दिख जाएं, लेकिन ज्यादातर लोगों दूसरी लहर का प्रकोप बढ़ने पर एक की बजाय दो-दो मास्क लगाए। जेब में सैनिटाइजर की शीशी जरूर रखने लगे। शारीरिक दूरी का भी ख्याल रखा गया। सरकार ने भी लाकडाउन को पूरी तरह खत्म नहीं किया। वर्तमान में भी सप्ताह में दो दिन का लाकडाउन है। वहीं, काफी पाबंदियां भी लगाईं। संक्रमण पर पल-पल नजर रखी गई। ज्यादातर लोगों ने समझदारी दिखाई।
टीकाकरण से भी संभली स्थिति
कोरोना संक्रमण की गति को थामने में टीकाकरण ने भी अहम भूमिका निभाई है। जनपद में करीब छह लाख टीके लग चुके हैं। इसे चार लाख लोगों को पहला टीका व बाकी ने दोनों टीके का कोर्स पूरा कर लिया है। इस समय केंद्र सरकार की नई नीति के चलते टीकाकरण करानेवालों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है और 18 हजार तक पहुंच चुकी है।
इनका कहना है
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीपी सिंह कल्याणी ने बताया कि यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ एवं स्वास्थ विभाग के सहयोग से अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने के साथ ही भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है । समुदायिक क्षेत्रों में प्रधान और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बैठक आयोजित की जा रही है।