Move to Jagran APP

अलीगढ़ प्रशासन ने महंगे भूसे का निकाला तोड़, भूखा नहीं रहेगा गोवंश

इन दिनों पशुओं के खिलाने के लिए भूसा महंगा हो गया है। प्रशासन ने इससे निजात पाने का तोड़ निकाल लिया है। तीन अलग अलग विभागों के अफसर पहली बार गोशालाओं के लिए हरा चारा बो रहे हैं। जुलाई तक यह चारा तैयार हो जाएगा।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 06:18 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 06:49 AM (IST)
महंगे भूसे के बीच भी अब छुट्टा पशुओं को भूखा-प्यास नहीं रहना पड़ेगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता ।  महंगे भूसे के बीच भी अब छुट्टा पशुओं को भूखा-प्यास नहीं रहना पड़ेगा। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने इसका तोड़ निकाल लिया है। जिले में अभी से पर्याप्त चारे का इंतजाम किया जा रहा है। तीन अलग-अलग विभागों के अफसर मिलकर जिले में पहली बार गोशालाओं के लिए हरा चारा बो रहे हैं। कुल 228 हेक्टेयर चारागाह की सरकारी भूमि का चिह्नाकन किया गया है। इस पर हरे चारे की बोआई करने की तैयारी है। कुछ पर बोआई भी हो चुकी है। जुलाई तक यह चारा तैयार हाे जाएगा।  

loksabha election banner

योगी सरकार गोवंशीय के संरक्षण को गंभीर

योगी सरकार गोवंशीय के संरक्षण को लेकर काफी संवेदनशील है। जिले में इन दिनों कुल 160 सरकारी गोशालाएं संचालित हैं। इनमें करीब 30 हजार गोवंशीय का संरक्षण किया जा रहा है। सरकार एक गोवंशीय के चारे-पानी के लिए 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अनुदान देती है, लेकिन फिलहाल भूसे के दाम आसमान छू रहे हैं। 1200 से 1500 रुपये कुंतल तक भूसा मिल रहा है। ऐसे में इन गोशाला संचालकों के लिए इस बार भूसे का पूरे साल का स्टाक करना तक मुश्किल हो गया है। जिले की अधिकांश गाेशालाओं में इन दिनों महज डेढ़ से दो महीने का ही भूसा है। ऐसे में आने वाले दिनों में गोवंश के लिए मुश्किल खड़ी हाे सकती है।

शुरू की नई पहल

अलीगढ़ जिला प्रशासन ने महंगाई से भूसे की कमी को देखते हुए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। जिले में पिछले एक महीने से अभियान चल रहा है।नगरीय निकायों की गोशालाओं को छोड़कर गांव देहात की कुल 130 गोशालाओं को इस अभियान में शामिल किया गया। पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग व राजस्व विभाग के अफसर संयुक्त रूप से यह अभियान चला रहा है। इसमें जिले में खाली पड़ी चारागाह की जमीनों को चिह्लित किया जा रहा है। गोशाला में गोंवश की संख्या के हिसाब से यह चारागाह की जमीन आवंटित हो रही हैं। अब तक जिले में कुल 228 हेक्टेयर भूमि चिह्नित हो चुकी हैं। इन सभी पर हरा चारा बोया जा रहा है।इसमें राजस्व विभाग जमीन चिह्नित करता है और पंचायती राज विभाग बोआई करता है। अब तक करीब 35.18 हेक्टेयर हरे चारे की बोआई हो चुकी है। अब जल्द ही बारिश के बाद बाकी के जमीन पर भी बोआई हो जाएगी।

ब्लाक वार इस तरह आवंटित हुई है चारे की जमीन

ब्लाक, गोशालाओं की संख्या, आवंटित रकवा (हेक्टेयर)

लोधा, 16, 14.53

अकराबाद, 4, 4.20

खैर, 10, 22.26

गंगीरी, 07, 33.52

अतरौली, 04, 4.19

चंडौस, 18, 14.50

टप्पल, 12, 40.21

धनीपुर, 07, 3.40

इगलास, 14, 18.05

गौंड़ा, 10, 21.48

बिजौली, 14, 18.66

जवां, 14, 8.17

इनका कहना है

बाजार में इस बार भूंसे पर काफी महंगाई है। गोशालाओं में पूरे साल का पर्याप्त स्टाक नहीं हो पा रहा है। ऐसे में पहले से ही इन गोशालाओं के लिए हरा चाया बोया जा रहा है। हर गोशाला के लिए चारागाह स्थल आवंटित किया जा रहा है।

अंकित खंडेलवाल, सीडीओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.