Move to Jagran APP

90 हजार से पांच हजार लीटर हुआ एल्कोहल कोटा, नशेड़ियों की पसंद में शुमार हो रही टिंचर औषधि

बीते वर्ष अलीगढ़ में जहरीली शराब से सौ से अधिक लोगों की जानें गयीं। इसके बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। यही कारण है कि जिले में संचालित एक मात्र विजय केमिकल के एल्‍कोहल कोटा में भारी कमी कर दी गयी है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 20 Jun 2022 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jun 2022 09:48 AM (IST)
अलीगढ़ में संचालित इकलौती विजय केमिकल के एल्कोहल कोटा में भारी कमी की गई है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। बहुचर्चित जहरीली शराब कांड के बाद शासन स्तर से एल्कोहल आवंटन को लेकर बड़ा निर्णय हुआ है। जिले में संचालित इकलौती विजय केमिकल के एल्कोहल कोटा में भारी कमी की गई है। 90 हजार की जगह अब पूरे साल में महज पांच हजार लीटर ही एल्कोहल मिलेगा। आबकारी विभाग का मानना है कि विजय केमिकल में तैयार होने वाली टिंचर औषधियों का प्रयोग लोग दवा की जगह नशे के रूप में कर रहे हैं।  

loksabha election banner

बीते साल जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद शासन सतर्क

तालानगरी स्थित विजय केमिकल में एल्कोहल का प्रयोग करके टिंचर औषधियां तैयार होती हैं। शासन स्तर से कंपनी प्रबंधन को हर साल 90 हजार लीटर एल्कोहल मिलता था। इसमें कई प्रकार की दवाएं तैयार होती हैं। हर वित्तीय वर्ष में कोटा स्वीकृति से पहले आबकारी व औषधि विभाग की संयुक्त रिपोर्ट लगती है। पिछले साल जिले में जहरीली शराब कांड में सौ से अधिक जान चली जाने के बाद आबकारी विभाग फूंक-फूंक कर कदम रख रखा है। पिछले दिनों शासन स्तर से विजय केमिकल के एल्कोहल कोटे को लेकर रिपोर्ट मांगी गई थी। इस पर जिला स्तर से इसके कोटे को कम करने की आख्या लगा दी गई। तर्क दिया कि लोग टिंचर औषधियों का उपयोग दवा की जगह नशे के रूप में कर रहे हैं।

यह होता है टिंचर-जिंजजर

एल्कोहल से टिंचर-जिंजर नाम की एक दवा तैयार होती है। पेट से जुड़ी बीमारियों व खांसी में इसका सेवन किया जाता है। नियमानुसार मेडिकल स्टोर से ही इस दवा की बिक्री होनी चाहिए। डाक्टर का पर्चा दिखाना अनिवार्य होता है, लेकिन कुछ लोग एल्कोहल के चलते इस दवा का प्रयोग नशे के रूप में करते हैं। यह देशी शराब की कीमत से एक चौथाई सस्ती होती है। इसका अधिक सेवन धीमे जहर की तरह होता है। लगातार ङ्क्षटचर-ङ्क्षजजर पीने से मौत तक हो जाती है। शहर के तमाम मेडिकल स्टोर पर इसकी बिक्री होती है।

इनका कहना है

हर साल 90 हजार लीटर एल्कोहल मिलता था, लेकिन इस बार महज पांच हजार लीटर ही स्वीकृति हुआ है। इतनी कम मात्रा में एल्कोहल मिलने से कंपनी बंद हो जाएगी। शासन स्तर पर एल्कोहल की मात्रा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

-अजय कुमार वर्मा, डायरेक्टर, विजय केमिकल

विजय केमिकल द्वारा निर्मित ङ्क्षटचर औषधियों की आड़ में मेडिकल स्टोर से पेय मदिरा के रूप में बेची जाती हैं। कंपनी की निरीक्षण रिपोर्ट शासन को प्रेषित की गई थी। इस पर शासन ने कंपनी का एल्कोहल कोटा 90 हजार से घटाकर पांच हजार कर दिया है। इसी से औषधियां तैयार करनी होंगी।

सतीश चंद्र, जिला आबकारी अधिकारी

--

शासन स्तर से ही विजय केमिकल के लिए एल्कोहल की मात्रा कम की गई है। जिला स्तर पर इसका निर्णय नहीं होता है। अब जो आदेश आया है, जिले में उसका पालन कराया जाएगा।

हेमेंद्र चौधरी, औषधि निरीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.