अलीगढ़ में पेयजल पाइप लाइन से निकली 'भ्रष्टाचार' की धारा Aligarh News
हाथरस की पेयजल पाइप लाइन परियोजना में 13.61 करोड़ का घोटाला। मंडलायुक्त ने कार्रवाई के लिए शासन को भेजी रिपोर्ट।
अलीगढ़ [सुरजीत पुंढीर] हाथरस में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां पेयजल पाइप लाइन की 404 परियोजनाओं में से 238 घटिया निर्माण के चलते बंद हो गईं। हाथरस जिले के नोडल अधिकारी रहते कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी में बीते साल इसकी जांच आदेश दिए थे। जांच के दौरान परियोजनाओं में पानी की बजाय 'भ्रष्टाचारÓ की धारा निकलते मिली। हर परियोजना पर 5.72 लाख रुपये खर्च किए गए। इस तरह करीब 13.61 करोड़ रुपये बर्बाद किए गए। मंडलायुक्त ने संबंधित अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट शासन को भेजी है।
जांच के आदेश
जीएस प्रियदर्शी मंडलायुक्त के पद पर तैनाती से पहले शासन के राजस्व व राहत विभाग में विशेष सचिव के साथ हाथरस के नोडल अधिकारी भी थे। हर महीने समीक्षा के लिए आते थे। 10 अक्टूबर को बैठक में उनके सामने पेयजल परियोजना में घटिया पाइप लाइन डालने का मुद्दा उठा था। उन्होंने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व लोक निर्माण विभाग को जांच सौंपी। विभागों की टीम ने परियोजनाओं का सत्यापन कर गुणवत्ता देखी।
437 पर 23 करोड़ खर्च
टीम ने जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त को दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में वित्त वर्ष 2009-10 से 2014-15 तक 437 पेयजल पाइप लाइन डाली गईं। हर परियोजना पर 5.72 लाख रुपये खर्च हुए। सभी पर करीब 23 करोड़ खर्चा हुआ। टीम ने 404 परियोजनाओं की जांच की तो 166 ही पेयजल उपलब्ध कराते मिलीं। 238 परियोजनाएं घटिया निर्माण के चलते बंद मिलीं। इन पर खर्च किए गए 13.61 करोड़ रुपये बेकार चले गए।
शासन को भेजी रिपोर्ट
मंडलायुक्त ने जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इसमें दोषी अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है। मंडलायुक्त जीएस प्रियदर्शी का कहना है कि हाथरस का नोडल अधिकारी रहते मैैंने जांच के आदेश दिए थे। जांच में सरकारी धन के दुरुपयोग पुष्टि हुई है। दोषी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
100 गांवों में खारा पानी
परियोजनाओं में अफसरों के भ्रष्टाचार करने से लोग पीने के पानी के लिए मोहताज हैैं। जिले में 100 से अधिक गांवों में खारा पानी है। पानी में आर्सेनिक भी है। इन गांवों की परियोजनाएं बंद होने से लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।