गर्मी की छुट्टियों के बाद विद्यालयों में खुलेगी एडमिशन डेस्क, प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का भेजना होगा साप्ताहिक डेटा
ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल-कालेज खुलेंगे तो सबसे पहले प्रवेश प्रक्रिया पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए अभी से व्यवस्था को मजबूती से लागू करने के निर्देश प्रधानाचार्यों को दिए गए हैं। हर विद्यालय में एडमिशन डेस्क बनाई जाएगी और साप्ताहिक डेटा भेजा जाएगा।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता: माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों का ग्रीष्मावकाश भीषण गर्मी के चलते प्रशासन की ओर से तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यूपी बोर्ड परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। प्रैक्टिकल भी परीक्षा के बाद करा लिए गए हैं।
अभी 17 मई से उन विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल होने बाकी हैं जो प्रयोगात्मक परीक्षाओं से किसी कारण से वंचित रह गए थे। इसके अलावा विद्यालयों में यूपी बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन भी खत्म करा लिया गया है।
इसलिए बचे हुए विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल कराने के बाद माध्यमिक विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया जोर-शोर से शुरू होगी। जब इन विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी तो वहां एडमिशन डेस्क अनिवार्य रूप से संचालित की जाएगी। इसके आदेश सभी प्रधानाचार्यों को दे दिए गए हैं।
प्री-प्राइमरी व कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूल गर्मी के चलते बंद कर दिए गए हैं। मगर जब ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूल-कालेज खुलेंगे तो तो सबसे पहले प्रवेश प्रक्रिया पर फोकस किया जाएगा। इसके लिए अभी से व्यवस्था को मजबूती से लागू करने के निर्देश प्रधानाचार्यों को दिए गए हैं।
हर विद्यालय में एडमिशन डेस्क बनाई जाएगी। ये डेस्क हर प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों की मदद करेगी। साथ ही प्रवेश पाने वाले हर विद्यार्थी का पूरा डेटा सुरक्षित रखकर अफसरों के पास भिजवाएगी। कोरोना काल में भी विद्यालयों में प्रवेश डेस्क की व्यवस्था की गई थी। माध्यमिक के अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भी प्रवेश प्रक्रिया के दौरान हर शिक्षक को अनिवार्य रूप से विद्यार्थियों के प्रवेश कराने और उसकी सूचना देना अनिवार्यता कर दिया गया है। यहां भी एडमिशन डेस्क बननी है। इसकी साप्ताहिक रिपोर्ट बीएसए कार्यालय में सौंपने के निर्देश भी दे दिए गए। अब इसी तरह बेसिक की तर्ज पर माध्यमिक विद्यालयों में भी एडमिशन डेस्क की रिपोर्ट शिक्षकों व प्रधानाचार्यों को देनी होगी। कक्षा नौंवी से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के प्रवेश संबंधी प्रक्रिया की जा रही है। हर प्रधानाचार्य को निर्देश हैं कि उनके संस्थान में कोई पात्र छात्र नामांकन से छूट न जाए। अफसरों का कहना है कि ऐसे में शिक्षक उन अभिभावकों से स्कूल में प्रवेश पाने वाले बच्चों के बारे में पता कर सकते हैं। इसके अलावा क्षेत्र के कम से कम पांच अभिभावकों से संपर्क करना अनिवार्य है। संबंधित क्षेत्र की मदद लेनी पड़े तो उनकी मदद भी लें। इसके लिए शिक्षकों को अतिरिक्त प्रयास नहीं करने हैं। कालेज में बैठकर ही पांच लोगों से संवाद कर नए एडमिशन कराए जा सकते हैं। इस प्रक्रिया की साप्ताहिक रिपोर्ट हर शिक्षक को डीआइओएस दफ्तर में देनी होगी। जिसमें बताया जाएगा कि किसने कितने लोगों से बात की? उनके मोबाइल नंबर भी अंकित किए जाएंगे। साप्ताहिक रिपोर्ट में संपर्क किए लोगों के पते व नाम होंगे, जिसकी पड़ताल भी की जाएगी। इस संबंध में हर शिक्षक व प्रधानाचार्य को सूचना पहुंचाई जाएगी।