अलीगढ़ में प्रशासन ने दस करोड़ की जमीन कब्जा मुक्त कराई, सात बसें सीज
लल्लामल की बगीची के ट्रस्ट पर दशकों से बस ऑपरेटरों ने कब्जा कर रखा था। ट्रस्टी ने धमकी देने व गाली-गलौज करने पर दो बस ऑपरेटरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
अलीगढ़ (जेएनएन) । देहली गेट क्षेत्र में खैर रोड पर खैर बस अड्डे की जमीन को कब्जा मुक्त करा दिया। पुलिस-प्रशासन की टीम ने सात बसों को सीज कर जमीन खाली कराई। लल्लामल की बगीची के ट्रस्ट पर दशकों से बस ऑपरेटरों ने कब्जा कर रखा था। ट्रस्टी ने धमकी देने व गाली-गलौज करने पर दो बस ऑपरेटरों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।
लल्लामल की बगीची के ट्रस्टी मयंक अग्रवाल द्वारा देहलीगेट में दर्ज कराई एफआइआर के मुताबिक उनके ट्रस्ट की खैर रोड पर करीब चार हजार वर्ग गज जमीन है। मौजूदा समय में इसकी कीमत 10 करोड़ के करीब है। 40 साल पहले ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस जमीन पर अलीगढ़- खैर बस यूनियन को मौखिक तौर पर बस खड़ी करने की अनुमति दे दी थी। वह इसके बदले में कुछ किराया भी देते थे।
किराया भी देना कर दिया था बंद
आठ साल पहले तक बस यूनियन आठ हजार रुपये देता था, लेकिन अब तो उसने यह किराया देना भी बंद कर दिया। जब ट्रस्टी ने बस ऑपरेटरों से जमीन खाली कराने को कहा तो उसे डर दिखाकर चुप करा दिया। पिछले दिनों डीएम चंद्रभूषण ने सभी प्राइवेट बस अड्डों को शहर से बाहर कर दिया। ऐसे में लल्लामल बगीची ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापारी मंडल के संग डीएम से अपनी जमीन खाली कराने की गुहार लगाई। डीएम ने कार्रवाई का आश्वासन दिया।
जानसे मारने की दी धमकी
पिछले दिनों 16 सितंबर को जट्टारी निवासी पुनीत शर्मा कुछ लोगों के साथ बस स्टैंड पर पहुंच गए। उन्होंने यहां पेंटर से यूनियन का नाम लिखवाना शुरू कर दिया। जब इसका विरोध किया तो उन्होंने जान से मारने करने की धमकी देते हुए गाली-गलौज की। अनुसूचित जाति एक्ट में फंसाने की भी धमकी दी। इसके बाद वहां स्थानीय लोग आ गए। इसके बाद पुनीत का फोन आया और उन्होंने फोन पर भी अभद्रता की। इसी को लेकर अब पुनीत शर्मा व उसके साथी लक्ष्मण के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
सात बसें कीं सीज
प्रतिबंधित खैर बस अड्डे से बसें संचालित होने की सूचना पर डीएम के निर्देश पर गुरुवार को पुलिस, प्रशासन व परिवहन विभाग की टीम यहां पहुंच गई। यहां सात बस खड़ी हुई थीं। इन्हें सीज कर दिया। बसों को फिलहाल बन्ना देवी थाने में पहुंचा दिया गया है। इससे अब जमीन भी कब्जा मुक्त हो गई है। इसके अलावा पांच अन्य बसों के भी चालान किए गए हैं।