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यूपी भर में प्रेरणादायक बनेंगे अलीगढ़ शहर से बाहर किए गए प्राइवेट बस अड्डे

आगरा रोड पर हुए सड़क हादसे के बाद शहर से बाहर किए गए प्राइवेट बस अड्डों पर तेजी के साथ निर्माण कार्य चल रहा है। खास बात यह है कि निजी बस अड्डों को प्रेरणादायक बनाने के लिए प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 06:19 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 06:19 PM (IST)
यूपी भर में प्रेरणादायक बनेंगे अलीगढ़ शहर से बाहर किए गए प्राइवेट बस अड्डे

अलीगढ़ (जेएनएन)। आगरा रोड पर हुए सड़क हादसे के बाद शहर से बाहर किए गए प्राइवेट बस अड्डों पर फिलहाल कोई सुविधा नहीं है, लेकिन आने वाले समय में इन बस अड्डों पर सभी सुविधाएं मुहैया रहेंगी। प्राइवेट बसों के लिए शहर से बाहर बन रहे नए बस अड्डे बहुत जल्द अन्य शहरों के लिए प्रेरणादायक बनेंगे। जिला प्रशासन ने यहां यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। मंडलायुक्त व डीएम खुद इसमें विशेष रुचि ले रहे हैं। इसी कारण युद्ध स्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है।

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पिछले दिनों मडराक हादसे के बाद जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने प्राइवेट बस अड्डों को शहर से बाहर करने का फरमान सुना दिया था। शहर के अंदर आने वाली बसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गई। इसके अलावा कमिश्नरी के सामने, जाफरी ड्रेन एवं खेरेश्वर मंदिर से नए बस अड्डों के लिए जमीन आवंटित की। तत्काल इन पर फौरी तौर पर निर्माण भी शुरू कर दिया। पिछले दो दिनों से इनसे बसों का संचालन भी शुरू हो गया, लेकिन अब प्रशासन का मकसद इन बस अड्डों को सरकारी की तरह सभी सुविधाओं से लैस करना है। मंडलायुक्त के निर्देश पर डीएम चंद्रभूषण सिंह ने इसका खाका खींच दिया है। अब नए बस अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा।

ये रहेंगी सुविधाएं

इन बस अड्डों पर सभी वीआइपी सुविधाएं होंगी। पुरुषों के लिए सेंसर युक्त व महिलाओं के लिए पिंक शौचालय बनाए जाएंगे। रूट को दर्शाने के लिए एलईडी टीवी लगेगी। पूरे परिसर में इंटरलॉकिंग बिछाई जाएगी। बस अड्डों के एक किमी दायरे में प्रकाश के लिए लाइट लगाई जाएंगी। यात्रियों के बैठने के लिए विश्रामालय व पर्याप्त सीटें लगेंगी। पानी पीने के लिए आरओ लगाए जाएं। हर बस अड्डे पर स्थायी पुलिस चौकी बनाई जाएगी। खाने-पीने के लिए कैंटीन खुलेगी।

खर्च होगा एक करोड़

एडीए ने नए बस अड्डों पर काम करना शुरू कर दिया है। भराव लगभग पूरा हो गया है। जल्द ही इंटरलॉकिंग होने लगेगी। अफसरों की मानें तो एक बस अड्डे पर एक करोड़ के करीब धनराशि का खर्च आने की उम्मीद है। अवस्थापना निधि से इसकी पूर्ति होगी।

बस अड्डे बनेंगे मॉडल

जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि मेरा मकसद यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देना है। इसके लिए प्राइवेट बस अडडों पर भी भरपूर सुविधा दी जा रही है। इन्हें मॉडल बनाया जाएगा।

प्राइवेट अड्डे से खैर और टप्पल जा रहीं प्राइवेट बसें

शाहजमाल के निकट कब्रिस्तान से खैर व टप्पल के लिए 80 निजी बसों का संचालन हो रहा है। इसकी जानकारी उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल महानगर ने डीएम को दी तो वे सन्न रह गए। डीएम ने तत्काल इसकी जांच के लिए एसडीएम को कहा। उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल मक्खन सिंह को मौके के लिए दौड़ा दिया। एसडीएम अपनी रिपोर्ट शनिवार को डीएम को देंगे।

प्राइवेट बसों से लगता है जाम

दरअसल, महानगर व्यापार मंडल का प्रतिनिधि मंडल कलक्ट्रेट में डीएम चंद्र भूषण सिंह से मिला। व्यापारी नेताओं ने शहर के सभी निजी बस अड्डा बाहर किए जाने की सराहना की। साथ ही शहर अध्यक्ष प्रदीप गंगा व अन्य व्यापारी नेताओं ने डीएम को बताया कि अफसरों की सख्ती के बाद भी खैर रोड प्राइवेट बस अड्डा का संचालन हो रहा है। इसकी लिखित शिकायत भी दी।

घनी आबाद में से होकर गुजर रहीं बसें

80 से अधिक बसों को शाहजमाल से संचालित किया जा रहा है। घनी आवासीय व व्यावसायिक आबादी से होकर बसें फर्राटा भर रही हैं, जिससे जाम भी लगता है। गंगा ने बताया कि कभी भी हादसा हो सकता है। बकौल गंगा, डीएम ने तत्काल एसडीएम कोल को जांच सौंपी है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष कमल गुप्ता, चेयरमैन ओपी राठी, संतोष यादव, दिनेश, राजेंद्र कोल, शिव कुमार पाठक, नवेंद्र जैन, महेश धनराज, दुर्वेश वाष्र्णेय, किशोर जौहरी,विनोद पाठक, पप्पू भाई आदि मौजूद थे।


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