एक ऐसी तस्वीर जिसने मंगवा दी AMU के लाइब्रेरियन से माफी, यहां से खरीदी थी फोटो
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में अनेक किताबें, फोटो आदि हैं, लेकिन एक व्यक्ति की फोटो ने लाइब्रेरियन ने से माफी मंगवा ली।
अलीगढ़ (जेएनएन)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में अनेक किताबें, फोटो आदि हैं, लेकिन एक व्यक्ति की फोटो ने लाइब्रेरियन ने से माफी मंगवा ली। यह फोटो मामूली नहीं है बल्कि पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना का है।
मै क्षमा प्रार्थी हूं
गांधी जयंती पर लगी प्रदर्शनी में गांधी जी संग जिन्ना की तस्वीर लगाने पर घिरे लाइब्रेरियन डॉ. अमजद अली ने रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद को जवाब भेज दिया है। लाइब्रेरियन ने कहा है कि जिन्ना की तस्वीर अलग से नहीं लगाई गईं थीं। जब प्रदर्शनी लगती है तभी लगाई जाती हैं। अगर मेरी वजह से एएमयू की छवि खराब हुई है तो क्षमाप्रार्थी हूं। रजिस्ट्रार ने बताया कि कुलपति प्रो. तारिक मंसूर के सामने लाइब्रेरियन का जवाब रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिन्ना की तस्वीर लगाने के बाद उपजे विवाद के बीच इंतजामिया ने लाइब्रेरियन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
एएमयू ने गांधी संग्रहालय से खरीदी थीं जिन्ना की तस्वीर
एएमयू की मौलाना आजाद लाइब्रेरी में रखीं मोहम्मद अली जिन्ना की जिन तस्वीरों पर बखेड़ा खड़ा हुआ उन्हें इंतजामिया ने दिल्ली के गांधी स्मारक संग्रहालय से खरीदा था। दो बार में ऐसी 221 की तस्वीर खरीदी गईं थीं। सात तस्वीरों में गांधी जी के साथ जिन्ना हैं।
गांधी प्रदर्शनी के उदघाटन के समय ये रहे मौजूद
मौलाना आजाद लाइब्रेरी में गांधी जयंती पर हर साल गांधीजी से जुड़ी चीजों की प्रदर्शनी लगती है। इस बार भी तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का पीवीसी प्रो. एमएच बेग, रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद, जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज प्रो. शाफे किदवई ने निरीक्षण भी किया था। कुछ तस्वीरें गांधी जी व जिन्ना की थीं, जिन पर बाद में बखेड़ा हो गया। ये तस्वीर आई कहां से 'दैनिक जागरणÓ ने इसकी तस्दीक की। मौलाना आजाद लाइब्रेरी के रिकॉर्ड से पता चला कि गांधी जी से जुड़ी तस्वीरों को एएमयू ने गांधी स्मारक संग्रहालय दिल्ली से दो किश्तों में खरीदा था। 180 तस्वीरों को 17 मार्च 1986 में 38 रुपये प्रति तस्वीर के हिसाब से 6840 रुपये में खरीदा गया। 41 तस्वीरों को 29 सितंबर 2003 में 9225 रुपये में खरीदा था। तभी से ये तस्वीरें हर साल गांधी जयंती पर लगाई जाने वाली प्रदर्शनी में रखी जाती हैं। इनमें सात तस्वीर ऐसी हैं जिनमें गांधी संग जिन्ना हैं।
कब-कब की हैं ये तस्वीर
- एक तस्वीर नवंबर 1939 वायसराय से बातचीत करते गांधी जी और जिन्ना की है।
-एक तस्वीर मुंबई में बातचीत करते गांधीजी और जिन्ना की है।
- एक तस्वीर 1939 में दिल्ली में दोनों की बातचीत की की है।
- चार तस्वीरें 1944 में मुंबई में बातचीत की हैं।
किताबें और जर्नल्स भी है मौजूद
लाइब्रेरी में गांधीजी पर हजारों किताब और जर्नल्स भी हैं। इनमें से अंग्रेजी में 1068, ङ्क्षहदी में 103 और उर्दू में 198 हैं। इनके अलावा देश की अन्य भाषाओं में भी किताबें हैं। इनमें से 650 किताबों को प्रदर्शनी में रखा जाता है। इन किताबों में जिन्ना का भी उल्लेख है। यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग में भी गांधी जी पर किताब हैं।
जयंती पर होता है प्रदर्शन
एएमयू रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद का कहना है कि लाइब्रेरी में गांधी जी से जुड़ी जितनी तस्वीर हैं वो सब बाहर से मंगाई गईं थीं। अंग्रेजों से लेकर गोड्से तक की तस्वीर हैं। गांधी जयंती पर इनका प्रदर्शन होता रहा है।
जिन्ना पर राजनीति ठीक नहीं
एएमयू कोर्ट के पूर्व सदस्य सुरेंद्र कुमार आजाद ने कहा है कि गांधी जयंती पर गांधी जी के चित्रों की प्रदर्शनी में कोई ऐसा चित्र मौजूद रहता है जिसमें जिन्ना भी हैं तो यह इत्तेफाक है। देश में गांधी जी समेत अन्य महापुरुषों के चित्र हैं जिनमें जिन्ना भी देखे जा सकते हैं। इन चित्रों को लेकर राजनीति करना ठीक नहीं है। एएमयू के छात्र नेता हुजैफा आमिर ने कहा कि जिन्ना की तस्वीर के बहाने सांसद सतीश गौतम एक बार फिर राजनीति कर रहे हैं। छात्र उनकी गंदी राजनीत को सफल नहीं होने देंगे।