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घर में खेल रही बच्ची की करंट ने ली जान Hathras news

इगलास अड्डा की माहेश्वरी कॉलोनी में शुक्रवार को इमर्सन रॉड लगी बाल्टी में हाथ डाल देने से तीन वर्षीय बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई।बच्ची ने खेलते-खेलते बॉल्टी में हाथ डाल दिया।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 05:38 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 05:38 PM (IST)
घर में खेल रही बच्ची की करंट ने ली जान Hathras news
घर में खेल रही बच्ची की करंट ने ली जान Hathras news

हाथरस [जेएनएन] : इगलास अड्डा की माहेश्वरी कॉलोनी में शुक्रवार को इमर्सन रॉड लगी बाल्टी में हाथ डाल देने से तीन वर्षीय बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। बच्ची खेलते-खेलते बॉल्टी के पास पहुंच गई और पानी में हाथ डाल दिया। हालांकि परिजन बच्ची को जिला अस्पताल भी ले आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

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पानी गर्म करने के लिए लगा रखा था इमर्सन रॉड 

सचिन शर्मा निवासी माहेश्वरी कॉलोनी एक प्राइवेट कपंनी में बीमा का कार्य करते हैं। शुक्रवार की सुबह इनकी पत्नी पायल शर्मा घरेलू कार्य में व्यस्त थीं। इनकी तीन वर्षीय बेटी रितिका उर्फ नैनो और डेढ़ वर्षीय नाव्या अपनी दादी रंजनी के पास थीं। उसी दौरान घर के बाथरूम के पास ही नहाने के लिए बॉल्टी में पानी गर्म करने के लिए इमर्सन रॉड लगा रखा था। बताते हैं कि दादी किसी काम से घर के अंदर गईं तभी रितिका खेलते-खेलते गर्म हो रहे पानी की बाल्टी के पास पहुंच गई।

चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया

नंगे पैर बच्ची ने पानी में हाथ डाल दिया, जिससे उसे करंट का जबरदस्त झटका लगा और वह वहीं बेहोश हो गई। बच्ची को जमीन पर पड़े देख परिजनों के होश उड़ गए। आनन-फानन बच्ची को जिला अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। मासूम बच्ची की मौत की जानकारी लगते ही परिवार में कोहराम मच गया। शव के घर पहुंचते ही परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे। परिजनों ने बच्ची के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। 

बारिश के मौसम में खतरा और बढ़ जाता है

विद्युत विभाग में तैनात एसडीओ गोपीचंद्र भाष्कर कहते हैं कि विद्युत उपकरणों में अक्सर करंट का खतरा बना रहता है। अर्थिंग के कारण भी कई बार करंट आता है। बारिश के मौसम में खतरा और बढ़ जाता है। अगर किसी बच्चे या अन्य व्यक्ति को करंट लगे तो तत्काल उपकरण का स्विच निकाल देें। करंट पीडि़त को कृत्रिम ऑक्सीजन (माउथ टू माउथ) देनी चाहिए। इसके बाद निकट के अस्पताल ले जाकर उपचार दिलाना चाहिए। 


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