31 मई तक क्रियाशील होंगी अलीगढ़ की 98 ग्राम पंचायतें, ग्रामीणों का काम होगा आसान
प्रदेश सरकार की मंशा है कि सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय भवन का निर्माण कराकर ग्रामीणों को एक छत के नीचे सारी सुविधाएं दी जाएं। इसके तहत अलीगढ़ की 98 ग्राम पंचायतों को इसी महीने के अंत तक क्रियाशील कर दिया जाएगा।
हाथरस, जागरण संवाददाता। जनपद की अब बाकी बची 98 ग्राम पंचायतों को इसी महीने के अंत तक क्रियाशील करा दिया जाएगा। इस संबंध में प्रभारी डीपीआरओ एके मिश्र ने एडीओ और सचिवों को दिशा- निर्देश दिए हैं।
विगत 10 दिन से जिले की ग्राम सचिवालयों का आन लाइन शुभारंभ डीएम और सीडीओ के हाथों कराया गया था। बाकी बचे 98 ग्राम सचिवालयों को अगले पांच दिनों यानी 31 मई तक पूरा कराया जाएगा।
एक छत के नीचे मिलेगी ग्रामीणों को कई सुविधाएं
सरकार की मंशा है कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय भवन का निर्माण कराकर ग्रामीणों को एक ही छत के नीचे खसरा, खतौनी, राशन कार्ड में संसोधन आदि की सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। ग्राम सचिवालयों में ग्राम प्रधानों, सेक्रेट्री, ग्राम पंचायत अधिकारी समेत अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को बैठ कर जनता की समस्याएं दूर करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ग्रामीणों को कर्मियों और ग्राम प्रधान से मिलने के लिए उनके घरों का चक्कर न लगाना पड़ें। पंचायत भवनों में अलमारियों में सरकारी कागजातों को सुरक्षित रखने को भी कहा गया है। ग्राम सचिवालय के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं।
इनका कहना है
ग्राम पंचायतों में बने ग्राम सचिवालयों में प्रतिदिन ग्राम प्रधान, सचिव समेत अन्य कर्मियों को बैठ कर जनता की समस्याएं दूर करने का निर्देश दिया गया है।
साहित्य प्रकाश मिश्र, सीडीओ हाथरस।
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संचालकों को अल्टीमेटम, वाहन फिटनेस करा लें वरना कार्रवाई को तैयार रहें
अलीगढ़ । जिले के हर स्कूल-कालेज में सक्रिय यातायात समिति का गठन किया जाएगा। ये समिति विद्यार्थियों व अभिभावकों के साथ संवाद स्थापित कर उनको यातायात सुरक्षा के बारे में जागरूक करेगी। इस संबंध में सीडीओ अंकित खंडेलवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को वेब मीङ्क्षटग का आयोजन किया गया। इसमें एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी व डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा भी शामिल रहे।
15 दिन का दिया गया समय
एआरटीओ अमिताभ चतुर्वेदी ने मीटिंग में जुड़े करीब 40 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को बताया कि जिले में कई स्कूल संचालकों ने अपने वाहनों की फिटनेस प्रमाणपत्र ले लिए हैं। मगर कई ने वाहनों की फिटनेस नहीं कराई है। इनको 15 दिन का समय दिया जा रहा है, या तो ये वाहनों की फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करा लें या फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। डीआइओएस ने बताया कि विद्यालय वाहनों के चालकों का चरित्र प्रमाणपत्र होना भी अनिवार्य है। इसके लिए भी कुछ स्कूलों ने आवेदन किया है।