अलीगढ़ में 68 साल के बुजुर्ग के दम ने किया दंग, जीती सम्मान की जंग
यह मुकदमा नहीं आत्मसम्मान की लड़ाई थी। जिसे 68 साल के बुजुर्ग ने ढाई साल लड़ाई के बाद जीत लिया।
By Edited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 09:58 AM (IST)
अलीगढ़ (जेएनएन)। यह मुकदमा नहीं, आत्मसम्मान की लड़ाई थी। जिसे 68 साल के बुजुर्ग ने ढाई साल लड़कर जीत लिया। रोडवेज बस में कंडक्टर ने बुजुर्ग को अपनी सीट से उठा दिया था, जो उन्हें नागवार गुजरा और अदालत चले गए। शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत ने कंडक्टर की गलती मानी और ढाई हजार रुपये जुर्माने की सजा दी।
बुजुर्ग को सीट से उठाने पर किया था मुकदमा
बन्नादेवी क्षेत्र के बुद्ध विहार निवासी अधिवक्ता कायम सिंह दूरसंचार विभाग में लीगल एडवाइजर पद से सेवानिवृत्त हैं। 10 जुलाई- 17 को वे शिकोहाबाद से महोबा डिपो (यूपी 95 टी 0976) की बस में मैनपुरी के लिए सवार हुए। 23 अगस्त-17 को स्थायी अदालत में दायर वाद के मुताबिक कंडक्टर के बगल की सीट खाली देख वह बैठ गए। शिकोहाबाद चौराहे पर बस रुकी तो करीब 85 वर्षीय महिला छड़ी के सहारे बस में सवार हुई। कोई सीट खाली न देख अधिवक्ता ने उसे अपनी सीट पर जगह दे दी। टिकट काटने के बाद संविदा पर तैनात कंडक्टर पंकज सिंह लौटा और कायम सिंह को उठाने लगा।
रोडवेज बस में है बुजुर्गों की अलग सीट
उन्होंने कहा कि रोडवेज बसों में बुजुर्गों के लिए सरकार ने अलग सीट की सुविधा दी है, वे क्यों उठें। कंडक्टर भड़क गया, बस रुकवा ली। अभद्रता कर बुजुर्ग को जबरन उतारने लगा। अन्य सवारियों के हस्तक्षेप पर बस आगे बढ़ी। बुजुर्ग ने खड़े होकर कुछ दूर सफर किया, फिर एक युवक ने सीट पर जगह दी। विभागीय अफसरों से शिकायत की, पर सुनवाई नहीं हुई। स्थायी लोक अदालत में लंबित वाद राष्ट्रीय लोक अदालत में लगाया गया।यहां बुजुर्ग को अदालत ने न्याय दिया।
बुजुर्ग को सीट से उठाने पर किया था मुकदमा
बन्नादेवी क्षेत्र के बुद्ध विहार निवासी अधिवक्ता कायम सिंह दूरसंचार विभाग में लीगल एडवाइजर पद से सेवानिवृत्त हैं। 10 जुलाई- 17 को वे शिकोहाबाद से महोबा डिपो (यूपी 95 टी 0976) की बस में मैनपुरी के लिए सवार हुए। 23 अगस्त-17 को स्थायी अदालत में दायर वाद के मुताबिक कंडक्टर के बगल की सीट खाली देख वह बैठ गए। शिकोहाबाद चौराहे पर बस रुकी तो करीब 85 वर्षीय महिला छड़ी के सहारे बस में सवार हुई। कोई सीट खाली न देख अधिवक्ता ने उसे अपनी सीट पर जगह दे दी। टिकट काटने के बाद संविदा पर तैनात कंडक्टर पंकज सिंह लौटा और कायम सिंह को उठाने लगा।
रोडवेज बस में है बुजुर्गों की अलग सीट
उन्होंने कहा कि रोडवेज बसों में बुजुर्गों के लिए सरकार ने अलग सीट की सुविधा दी है, वे क्यों उठें। कंडक्टर भड़क गया, बस रुकवा ली। अभद्रता कर बुजुर्ग को जबरन उतारने लगा। अन्य सवारियों के हस्तक्षेप पर बस आगे बढ़ी। बुजुर्ग ने खड़े होकर कुछ दूर सफर किया, फिर एक युवक ने सीट पर जगह दी। विभागीय अफसरों से शिकायत की, पर सुनवाई नहीं हुई। स्थायी लोक अदालत में लंबित वाद राष्ट्रीय लोक अदालत में लगाया गया।यहां बुजुर्ग को अदालत ने न्याय दिया।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें