चार डॉक्टर..40 डिलीवरी
समस्या - डॉक्टरों की कमी से कराह रहा जिला महिला अस्पताल - विशेषज्ञों के अभाव में रेफर करने प
अलीगढ़ : एक तरफ सरकार मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए संस्थागत प्रसव व समुचित उपचार पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर मुख्यालय पर स्थित जिला महिला अस्पताल में प्रसूताएं डॉक्टरों के अभाव में कराह रही हैं। चार डॉक्टरों पर ही ओपीडी, एसएनसीयू व 40 तक डिलीवरी का भार है। विशेषज्ञों के अभाव में कई प्रसूताओं को रेफर करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से शासन को लगातार चिट्ठियां लिखी जा रही हैं, मगर कोई समाधान नहीं हो रहा।
ये है सूरतेहाल : महिला अस्पताल में रोजाना 35 से 40 डिलीवरी केस होते हैं। ओपीडी में भी 300-400 महिलाएं परीक्षण व परामर्श लेने पहुंचती हैं। चिकित्सकों की बात करें तो अस्पताल में 15 की जगह 3 ही चिकित्सक शेष रह गए हैं। इसमें सीएमएस खुद शामिल हैं। एक चिकित्सक लंबे समय से अवकाश पर हैं। समस्या को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र की दो महिला चिकित्सकों को यहां संबद्ध किया गया, जो ओपीडी में मरीज देखती हैं। अभी भी चार चिकित्सकों की तुरंत जरूरत है। एचबी के सेवानिवृत्त होने के बाद से टीकाकरण व इम्युनाइजेशन बाधित हो रहा है। बाबुओं की भी भारी कमी है। चार पदों के सापेक्ष कनिष्ठ सहायक से ही कार्य कराया जा रहा है। पदों के सापेक्ष नर्स भी नहीं हैं, इससे मरीजों की देखभाल में परेशानी होती है। डॉक्टर व स्टाफ अक्सर अवकाश पर ही रहता है।
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डॉक्टर व स्टाफ की बेहद कमी है। ओपीडी से लेकर प्रसव, ऑपरेशन व नसबंदी कार्य करने पड़ते हैं। विशेषज्ञ न होने से गंभीर सीजर ऑपरेशन भी नहीं किए जा रहे। शासन को पत्र लिख दिया है।
डॉ. गीता प्रधान, सीएमएस