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भारत-चीन सीमा विवाद से अलीगढ़ के 15 नामचीन उद्यमी टेंशन में, 200 करोड़ रुपये का ताला-हार्डवेयर करते हैं आयात Aligarh News

भारत व चीन में बढ़ती युद्ध की आशंका से कारोबारियों की नीदें उड़ गई हैं। महानगर के 15 ताला-हार्डवेयर के बड़े नामचीन अपने ब्रांड का आयात करते हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 08:12 AM (IST)
भारत-चीन सीमा विवाद से अलीगढ़ के 15 नामचीन उद्यमी टेंशन में, 200 करोड़ रुपये का ताला-हार्डवेयर करते हैं आयात Aligarh News
भारत-चीन सीमा विवाद से अलीगढ़ के 15 नामचीन उद्यमी टेंशन में, 200 करोड़ रुपये का ताला-हार्डवेयर करते हैं आयात Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन ]: भारत व चीन में बढ़ती युद्ध की आशंका से कारोबारियों की नीदें उड़ गई हैं। महानगर के 15 ताला-हार्डवेयर के बड़े नामचीन अपने ब्रांड का आयात करते हैं। यह 200 करोड़ रुपये सालाना का माल आयात करते हैं। सूत्रों की मानें तो चीन कारोबारी सस्ते का लालच देकर एडवांस में पैसों का भुगतान लेते हैं। अनलॉक के साथ ही कई उद्यमियों की नए सिरे से विदेशी कारोबारियों के साथ डील भी हुई हैं। अब तनाव अगर बढ़ता है, तो चीन के बंदरगाहों पर कस्टम पर पड़ा माल आयात नहीं होगा। इसमें उद्यमियों की पैसा व सा

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डिब्बा बंद माल चीन में तैयार कराती हैं कंपनियां

अलीगढ़ के पारंपरिक ताला हार्डवेयर कारोबार पर 18 साल पहले चीन ने कब्जा शुरू किया था। पीएम के लोकल फोर वोकल मुहिम को सोशल मीडिया पर जो उद्यमी सरकार की जय जयकार कर रहे हों, मगर सच्चाई ये है कि कई ब्रांडेड नामचीन कंपनियां  अपना डिब्बा बंद माल चीन में तैयार कराती हैं। चीन के उत्पादन में आकर्षित फिनिशिंग व सस्ता उत्पादन के चलते ताला व हार्डवेयर क्षेत्र के बड़े नाम भी माल का आयात करते हैं। जो मुनाफा मैन्युफैक्चङ्क्षरग में नहीं होता, उससे कहीं ज्यादा मुनाफा चीनी व्यापारी इन उद्यमियों को देते हैं। बिजली के खर्चे से लेकर तमाम अन्य झंझावतों से जूझने के बजाए मैन्युफैक्चर ट्रेडर्स बन गए हैं। दो दिन के तनाव के बाद चीन की विदेशी नीति के बदलाव को लेकर भी कारोबारियों को चिंता सताने लगी है।

कलपुर्जों का होता है आयात

ताले के निर्माण में प्रयोग होने वाले बॉक्स से लेकर पिन सिलेंडर व चाबी का आयात भी चीन से होता है। दो दर्जन से अधिक कलपुर्जे ताला व हार्डवेयर के अन्य आयटम भी तैयार किए जाते हैं।

20 करोड़ की झालर व सजावटी सामान का होता है आयात

च न के उत्पादन का विरोध भले ही बड़े स्तर पर होता हो, मगर दीपावली जैसे त्यौहार पर इलेक्ट्रोनिक झालर व अन्य घर का सजावटी सामान का 20 करोड़ से अधिक का आयात होता है। 200 से ज्यादा कारोबारी देसी उत्पादन बनाकर चीन का माल खपा देते हैं।

बाजार में पांच करोड़ रुपये की एलईडी की खपत

इलेक्ट्रोनिक्स बाजार में भी चीन का माल बेचने वालों की बड़ी संख्या है। एसेंबिल एलईडी, पंखा व अन्य विभिन्न प्रकार की इलेक्ट्रोनिक मोटर भी आयात होती हैं। पांच करोड़ से अधिक का यह कारोबार है।

विकल्प हो तो चीन को दी जाए आर्थिक चोट

च न का विरोध करने के लिए देश व नगरवासियों में इच्छाशक्ति तो बहुत है। सच्चाई यह है कि चीन की झालर में जिस बल्व व एलईडी का प्रयोग किया जा रहा है, उसका विकल्प अभी तक नहीं है। मोबाइल एसेसरीज में कुछ विकल्प जरूर हैं।

पूर्व की सरकार जिम्मेदार

चीन से व्यापारिक संबंध बढ़ाने के लिए पूर्व की सरकार जिम्मेदार हैं। जब आयात में छूट दी गई। घटिया माल प्रयोग करने के लिए देसी ग्राहकों को आदी करा दिया।

- अनूप गुप्ता, ताला व हार्डवेयर निर्माता

पीएम की मुहिम के दूरगामी परिणाम

अर्थ व्यवस्था को चोट पहुंचाना जरूरी है। पीएम की मुहिम लोकल का वोकल के दूरगामी असर दिखने को मिलेंगे। सरकार सिर्फ आयात माल पर क्वालिटी पर जोर दे। अपने आप सबक मिल जाएगा।

- उपेंद्र वाष्र्णेय, आर्ट वेयर निर्माता व निर्यातक


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