बच्चों को खेल-खेल में सिखाना अच्छी पद्धति
अलीगढ़ : शाहजहांपुर के बाल साहित्यकार डॉ. मोहम्मद साजिद खान ने कहा कि खेल-खेल में सीखो पद्धति ही अधि
अलीगढ़ : शाहजहांपुर के बाल साहित्यकार डॉ. मोहम्मद साजिद खान ने कहा कि खेल-खेल में सीखो पद्धति ही अधिक कारगर है। उन्होंने भारतीय भाषाओं के प्रयोग और पाठ्यक्रम में साहित्य, संगीत व कला को जोड़ने की वकालत की।
आगरा रोड स्थित प्रिंस स्कूल में चल रहे सृजनोत्सव-2015 के पांचवें दिन 'पाठ्यक्रम में बच्चों की प्रासंगिकता' विषय पर संगोष्ठी हुई। जन शिक्षा समिति के प्रदेश निरीक्षक गोपीनाथ अग्निहोत्री ने कहा कि गीली मिट्टी समान बच्चों को कोई भी आकार दे सकते हैं। बच्चों की अभिरुचियों, विचारों को समझकर पाठ्यक्त्रम में शामिल करना होगा। ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. श्याम कुंतेल ने कहा शिक्षा नीति पर हर वर्ष विचार होना चाहिए। पाठ्यक्रम व्यवहारिक हो। कविता व कहानी के संयुक्त सत्र भी चला। डॉ. मोहम्मद साजिद खान ने कहा कि जो लिखना चाहते हैं, उसके बारे में खुद से सवाल पूछें। चित्रकला में अमित चौहान ने जल, पृथ्वी व शिक्षा के संरक्षण पर पोस्टर मेकिंग सिखाई। मूर्तिकार रामसनेही व रजनी ने क्ले से भुट्टा, आइसक्रीम व गुलदस्ता बनाना सिखाया। आर्टिस्ट रजत व सोनिया ने कागज से रंगीन लैंप बनाना सिखाया। इस मौके पर रमेश राज, निश्चल आदि मौजूद रहे।