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ओबामा को नहीं आना चाहिए

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओेबामा के गणतंत्र दिवस पर तय भारत दौरे पर उनके ही

By Edited By: Published: Wed, 21 Jan 2015 01:28 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jan 2015 04:33 AM (IST)

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओेबामा के गणतंत्र दिवस पर तय भारत दौरे पर उनके ही देश के प्रख्यात इतिहासकार प्रो. डेविड लेलीवेल्ड ने सवाल खड़े किए हैं। कहा, 'राष्ट्रपति ओबामा के भारत दौरे से अमेरिका की हनक घटेगी। यह दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगे 'दाग' धोने का काम भी करेगा।' प्रो. लेलीवेल्ड ने मोदी के वीजा पर रोक लगाने संबंधी पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश के फैसले को भी सही ठहराया।

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अमेरिका के विलियम पैटरसन विश्वविद्यालय में प्रो. डेविड लेलीवेल्ड मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में थे। मीडिया से बातचीत में प्रो. लेलीवेल्ड ने कहा कि उनके ख्याल से ओबामा को भारत नहीं आना चाहिए। भारत में उनका आना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दाग धोने का भी काम करेगा। उनके दौरे से दोनों देशों के उद्योगपतियों को जरूर लाभ मिल सकता है, आम जनता की जिदंगी पर क्या असर पड़ेगा, यह आगे की बात है। उन्होंने कहा कि वह पूर्व राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश के प्रशंसक नहीं हैं, लेकिन मोदी के वीजा पर रोक लगाकर उन्होंने सही कदम उठाया था।

सर सैयद के दौर में नहीं

हुई नारी शिक्षा पर बात

प्रो. डेविड लेलीवेल्ड ने एएमयू में रहकर लिखी 'अलीगढ़ फ‌र्स्ट जनरेशन' किताब के इतिहास पर भी प्रकाश डाला। कहा, भारत आने पर यहां के अल्पसंख्यकों के बारे में जानने की इच्छा हुई। इसके लिए अलीगढ़ को सबसे उपयुक्त पाया। पता चला कि एएमयू में तैनात रहे सेवायोजन अधिकारी एसके भटनागर ने किताब लिखी है, लेकिन वह प्रकाशित नहीं हो पाई है। भटनागर की इस अप्रकाशित पुस्तक ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। इसके बाद एएमयू के इतिहास को खोजा गया। 1967 में अलीगढ़ आकर यह काम शुरू किया। प्रो. डेविड ने बताया कि सर सैयद 'टू नेशन थ्योरी' यानी देश विभाजन के समर्थक नहीं थे। वे बहु-संस्कृतिवादी थे। जब उनके बेटे का बिस्मिल्लाह समारोह हुआ तो उसे राजा जयकिशन की गोद में बिठाया था। डॉ. डेविड ने कहा कि सर सैयद ने अपने दौर में कभी नारी शिक्षा पर बात नहीं की। सर सैयद कहते थे कि स्त्री अपने परिवार, परंपरा, संस्कृति के लिए काम करे। यही उसका काम है।


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