24 घंटे बाद लौटा अपहृत छात्र
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : डीएस कॉलेज में बीकॉम कर रहे छात्र के अपहरण का मामला प्रकाश में आया। छात्र के साथ यह वारदात गुरुवार को उस वक्त की बताई गई, जब वह परीक्षा देकर घर लौट रहा था। घटना का खुलासा तब हुआ, जब शुक्रवार सुबह पिता के मोबाइल फोन पर धमकी भरा संदेश आया। इसमें लिखा था, 'तुम्हारा लड़का हमारी कैद में है। हमारा काम होते ही वो मिल जाएगा' एसएमएस पढ़कर खौफजदा परिजनों ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। छात्र की तलाश चल ही रही थी कि शुक्रवार देरशाम छात्र नाटकीय ढंग से लौट आया। उसकी हालत खराब थी। उसे अस्पताल पहुंचाया गया।
क्वार्सी क्षेत्र की रामबाग कॉलोनी निवासी देवराज सिंह बिल्डिंग कांट्रैक्टर हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा पुष्पेंद्र डीएस कॉलेज में बीकॉम प्रथम वर्ष का छात्र है। इन दिनों उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। गुरुवार दोपहर दो बजे वह परीक्षा देने के लिए घर से निकला था। शाम छह बजे परीक्षा छूट गई। पिता देवराज ने बताया कि 6:30 बजे तक पुष्पेंद्र घर आ जाता था। गुरुवार को रात तक नहीं लौटा। चिंता हुई तो कई दोस्तों से पूछा, संभावित ठिकानों पर भी तलाश की गई। साथी छात्र प्रवीन ने बताया कि पेपर छूटने के बाद पुष्पेंद्र उसके व सुधीर के साथ बस अड्डे तक आया था। यहां से सुधीर बस से चला गया। पुष्पेंद्र से घर चलने को कहा तो उसने कहा कि कोचिंग कर रहे दोस्त से मिलना है, इसलिए उसका इंतजार करेगा। प्रवीन अपने घर चला गया। पुष्पेंद्र तभी से लापता है। मोबाइल भी स्विच ऑफ है। शुक्रवार सुबह 6:14 पर फोन करने पर घंटी तो गई, लेकिन कॉल डिस्कनेक्ट कर दी गई। एक मिनट बाद बेटे के ही मोबाइल से एसएमएस भेजा गया कि तुम्हारा बेटा हमारी कैद में है। हमारा काम होते ही मिल जाएगा। गांधी पार्क पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर फोन को सर्विलांस पर लगवा दिया। पिता के मुताबिक, देरशाम बेटे के मोबाइल से फोन आया, लेकिन रिसीव नहीं हो सका। बाद में फोन पर बेटे से बात हुई। उसने बताया कि वो आगरा में है, उसे बस स्टैंड से कार में डालकर चार युवक ले गए थे। रात साढ़े 8 बजे पुष्पेंद्र बस से सासनीगेट चौराहे पर उतरा। यहां पहले से मौजूद परिजन उसे घर ले आए।
इंसेट ..
शरीर से खून निकाला
पुष्पेंद्र ने अर्द्ध बेहोशी की हालत में परिजनों को बताया कि अपहर्ता उसे आगरा ले गए। वहां उसका दा-तीन बोतल खून निकाला गया। बाद में उसे छोड़ दिया गया। चंगुल से छूटने के बाद आगरा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने उसे रोडवेज बस में बैठा दिया।
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अपहरण की कहानी में झोल
छात्र के अनुसार, उसका अपहरण किया गया था। मोबाइल पर पिता को धमकी भरा एसएमएस भेजा गया, जिसमें काम होने के बाद बेटा मिल जाने की बात कही गई। आखिर वो काम क्या था? छात्र का कहना है कि उसे आगरा पुलिस ने बस में बैठा दिया। क्या ऐसा हो सकता है कि पुलिस को छात्र घटना की जानकारी दे और पुलिस उसे ऐसी हालत में अलीगढ़ रवाना कर दे। गांधीपार्क एसओ ने बताया कि सामान्य हालत होने पर छात्र से पूछताछ की जाएगी।