मदद न मिली तो सड़क पर उतरेंगे 10 लाख वित्तविहीन शिक्षक Aligarh news
कोविड-19 वित्तविहीन शिक्षकों के लिए अभिशाप बनकर आया है। सरकार जब कमजोर वर्ग के लिए आर्थिक पैकेज दे सकती है तो वित्तविहीन शिक्षकों की मदद करने का काम भी करे। अन्यथा नर्सरी से 12वीं तक पढ़ाने वाले लगभग 10 लाख शिक्षक प्रदेश में सड़कों पर उतरेंगे।
अलीगढ़, जेएनएन । कोविड-19 वित्तविहीन शिक्षकों के लिए अभिशाप बनकर आया है। सरकार जब कमजोर वर्ग के लिए आर्थिक पैकेज दे सकती है तो वित्तविहीन शिक्षकों की मदद करने का काम भी करे। अन्यथा नर्सरी से 12वीं तक पढ़ाने वाले लगभग 10 लाख शिक्षक प्रदेश में सड़कों पर उतरेंगे। जब एक चाणक्य ने राजनीति की दिशा बदल दी थी, तो अब 10 लाख की रोजी-रोटी छिनी है। निदान तो बहुत दूर शिक्षा मित्री ने एक बयान भी इनके हित में नहीं दिया। प्रतिनिधियों को वेदना समझते हुए सरकार को अवगत कराने का कार्य करना चाहिए, नहीं तो हर गांव-मोहल्ले में विरोध झेलना पड़ेगा। यह बातें इगलास कस्बा के मुरसान रोड स्थित बालाजी पब्लिक स्कूल में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश वित्तविहीन शिक्षक महासभा के आगरा खंड के प्रभारी पवन शर्मा ने कहीं।
अधिकारियों पर फर्जी रिपोर्ट लगाने का आरोप
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा गरीब एवं मध्यम वर्ग में पटल पर उतरने की स्थिति में नहीं है। अधिकारी फर्जी रिपोर्ट लगा रहे हैं। जिससे बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। जिन बच्चों ने पाठ्यक्रम पठा ही नहीं वह कामयाबी की दौड़ से हट जाएंगे। बैठक में प्रधानाचार्य महासभा के जिलाध्यक्ष परमवीर सिंह, शिक्षक महासभा के जिलाध्यक्ष देवराज शर्मा, प्रेमपाल शर्मा, अनुज गौड़, हरीओम शर्मा ने विचार रखे। सर्वसम्मति से शिक्षक महासभा ब्लॉक अध्यक्ष हरीबाबू वर्मा तथा प्रधानाचार्य महासभा के ब्लॉक अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चुने गए। इस मौके पर रामेश्वर शर्मा, मुकेश उपाध्याय, श्रीकृष्ण सारस्वत, देवेंद्र सिंह, निशांत चौधरी, गौरव चौधरी, सचिन शर्मा, दीपू लवानिया, दिगंबर सिंह, योगेश उपाध्याय, कृष्ण बिहारी, संतोष उपाध्याय आदि थे।