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Agra News: मोबाइल गेम की लत आगरा के युवाओं को बना रही कर्जदार, लगातार बढ़ रहे केस, एक्सपर्ट दे रहे सलाह

हर महीने 15 से 20 केस छात्रों को भी लग रही लत गेम खेलने के लिए लेना पड़ रहा कर्जा। शहर के युवाओं को लग चुकी है मोबाइल की लत अब लगाने पड़ रहे हैं मानसिक स्वास्थ्य संस्थान।

By JagranEdited By: Tanu GuptaPublished: Sun, 25 Sep 2022 08:09 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 08:09 AM (IST)
मोबाइल की वजह से आगरा के युवा पहुंच रहे हैं मानसिक स्वास्थ्य संस्थान

आगरा, जागरण संवाददाता। मोबाइल की लत लगने पर युवा इलाज के लिए मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय पहुंचने लगे हैं। हर महीने 15 से 20 मरीज पहुंच रहे हैं। इनकी काउंसिलिंग की जा रही है। इलाज से ठीक हो रहे हैं। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डा. दिनेश राठौर ने बताया कि व्यवहार में बदलाव आने पर युवा परामर्श लेने आ रहे हैं। काउंसिलिंग में मोबाइल लत सामने आ रही है। कुछ केस में दवाएं भी देनी पड़ रही हैं। तीन से चार महीने में मोबाइल गेम की लत छूट रही है। इन युवाओं ने स्मार्ट फोन की जगह की पैड मोबाइल इस्तेमाल शुरू कर दिया है। 

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मोबाइल की लत के मामले

केस वन

35 वर्ष के कारोबारी को मोबाइल गेम की लत लग गई, आनलाइन गेम में पैसे हारने पर कर्ज ले लिया। बेचैनी, घबराहट और चिड़चिड़ापन की समस्या होने पर स्वजन मानसिक स्वास्थ्य संस्थान लेकर पहुंचे। काउंसिलिंग में सामने आया कि मोबाइल गेम की लत लग गई है। इलाज के बाद ठीक हैं।

केस टू

11 वीं के छात्र ने गेम खेलना शुरू किया, इसके बाद आनलाइन गेम खेलने लगा। गेम खेलने के लिए पैसे मांगे जाने लगे, पाकेट मनी खर्च हो गई तो दोस्तों से कर्जा ले लिया। मनोवैज्ञानिक ने काउंसिलिंग की, अब वह ठीक है।

क्या करें लत छुड़ाने के लिए

- मोबाइल गेम की लत से बच्चे हिंसक बन रहे हैं। वहीं युवाओं का करियर प्रभावित हो रहा है। इसलिए इसकी लत छुड़ाने का सबसे अच्छा तरीका है कि परिवार के सदस्य पहल करें। एक साथ समय बिताएं।

- कुछ नया क्रिएटिव करने का प्लान करें। बुक रीडिंग सबसे अच्छी हैबिट है, इसकी आदत डालें। रोज रात को किस बुक को पढ़कर ही सोएं। 

- दोस्ताें के साथ आउटिंग का प्रोग्राम बनाएं। किसी हिल स्टेशन या अन्य डेस्टिनेशन पर समय समय पर जाते रहें। वहां के प्राकृतिक नजारों को दोस्त बनाएं।

- सुबह की सैर पर जरूर जाएं। लेकिन साथ में मोबाइल को बिल्कुल भी न ले जाएं। यदि ले जाना भी पड़ रहा है तो उसे पॉकेट से बाहर न आने दें। सुबह की ताजी हवा और पक्षियों की चहचहाट आपको मोबाइल से ज्यादा प्रिय लगेगी। 


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