अबकी बार नए वोटर बनवाएंगे सरकार, जानिए क्या है नमो का नया दाव
अक्षयपात्र से जोड़े दक्षिण और उत्तर पूर्व के समीकरण। यूपी में गठबंधन से बदले हालात पर अपनाएंगे नया सूत्र।
आगरा, योगेश जादौन। यह 2014 जैसा समय नहीं है। हालात बदल गए हैं और नए गठबंधन नए तरीके से शक्ल ले रहे हैं। ऐसे में जीत का गणित नए सूत्र के हल से ही निकल सकता है। अक्षयपात्र में पीएम का आना और उनके संबोधन के स्वर ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि पीएम मोदी इस बार पारंपरिक वोट की बजाय नए वोटर की तलाश में हैं। परंपरा, सेवा-समर्पण और विकास की बात कर उन्होंने जता भी दिया कि उनकी नजर किधर है।
जर्मनी के प्रसिद्ध विचारक कवि बर्तोल्ट ब्रेख्त की एक कविता 'सॉल्यूशन' है। इसमें कहा गया है कि जब भी किसी शासक को लगे कि उसकी जनता खिसक रही है तो वह अपने लिए नई जनता की तलाश करे। तंज में कही इस बात के राजनीतिक निहितार्थ यह हैं कि शासक को नए समर्थकों की खोज करनी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले तीन-चार महीनों की कवायद पर नजर डालें तो संभवत: वह ऐसी ही तलाश में हैं। वह वेस्ट बंगाल, पूर्वोत्तर राज्य, ओडीसा, दक्षिण भारत पर ध्यान दे रहे हैं। दो दिन पहले ही पूर्वोत्तर राज्यों के लिए गैस लाइन परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी ने गुवाहाटी में किया। अक्षय पात्र की भक्ति वेदांत परंपरा शंकराचार्य की वही धारा है, जो दक्षिण को उत्तर से जोड़ती है। इस धारा के श्रद्धालुओं की दक्षिण और पूर्वी राज्यों में बड़ी संख्या है। प्रधानमंत्री ने परंपरा और सेवा की बात कह दक्षिण को उसी तरह उत्तर से बांधने की कोशिश की।
भाजपा को 2014 में करीब 14 करोड़ वोट के कारण सत्ता मिली। नए समीकरण और गठबंधन में पारंपरिक वोट बैंक के कांग्रेस या नए दल की ओर झुकने की आशंका है। प्रधानमंत्री नए लोग, नए वोटर की ऐसी ही तलाश में हैं, जो पारंपरिक नहीं हैं। बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन देने की बात पहली बार हुई है। यह संख्या भारत में करीब 40 करोड़ बताई जाती है। सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देने की बात है। यह आर्थिक आधार नए वोटर चुनने की नई सोच है। वह परंपरा के साथ विकास की बात कह देश में पहली बार वोट करने वालों को भी रिझाते हैं। यह वोट करीब 10 करोड़ बताया जाता है। यह वही बात है, जो नई पीढ़ी सोचती है। साफ है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने लिए नई जनता की तलाश में हैं। लोकतंत्र की नई पौध में वह शक्ति है, जो पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं और न ही किसी की बातों में आसानी से उलझने वाली। भविष्य का ताना-बुना बुनती युवा आंखों में देश के विकास का जो सपना पल रहा है, उसे पूरा करने का वादा ही इन दिनों नमो करते नजर आ रहे हैं।