National Technology Day: उम्र के दायरे से बाहर है इनकी प्रतिभा
आठवीं के छात्र ने बनाया मोबाइल गेम। अमेरिका में चर्चित हो रहा गायत्री का ब्लॉग।
आगरा, जागरण संवाददाता। जिस उम्र में बच्चे स्कूल और ट्यूशन की भागदौड़ में व्यस्त रहते हैं उसी उम्र में ताजनगरी के होनहारों ने तकनीक का सदुपयोग कर विदेश में अपनी धाक जमाई है। ताजनगरी के भाई बहन ब्लॉगिंग की दुनिया में अलग मुकाम बना रहे हैं तो वहीं आठवीं के छात्र ने खेल-खेल में मोबाइल गेम बना लिया। इसे काफी पसंद किया जा रहा है।
11वीं की छात्रा गायत्री चतुर्वेदी ने 'आइ एम गायत्री' नाम से चार साल पहले ब्लॉग बनाया था। गायत्री ने इस ब्लॉग में लघु कहानियां और टीनएजर्स से जुड़े मुद्दों पर अपने विचार रखने शुरू किए। धीरे-धीरे इनके ब्लॉग को पसंद किया जाने लगा। गायत्री ने बताया कि अब सात हजार से अधिक लोग उनके ब्लॉग पढ़ते हैं। इसमें भारत से अधिक अमेरिका के युवा शामिल हैं। गायत्री ने बताया कि अब उन्हें ब्लॉगिंग में करियर बनाने की उम्मीद दिखने लगी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उनके ब्लॉग पर काफी कंटेंट पढऩे के लिए मौजूद होगा। ब्लॉगिंग में कंटेंट ही मुख्य होता है। गायत्री ने कहा कि भविष्य में वह कुछ भी करें लेकिन ब्लॉगिंग से उनका प्यार कभी कम नहीं होगा।
यूनाइटेड वल्र्ड स्कूल में हुआ चयन
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार यूनाइटेड वल्र्ड स्कूल में गायत्री का चयन हुआ है। गायत्री ने बताया कि पुणे स्थित यह कॉलेज ईस्ट एशिया में एकमात्र ब्रांच है। इसके लिए तीन राउंड पार करने पड़े। इसमें 24 घंटे का इंटरव्यू भी शामिल है।
कार्तिकेय के ब्लॉग ब्रिटेन में किए जा रहे पसंद
गायत्री के छोटे भाई कार्तिकेय का 'माइंड ऑफ माइंड' ब्लॉग भी काफी प्रचलित हो रहा है। डीपीएस से इस साल 10वीं पास कर चुके कार्तिकेय चतुर्वेदी के ब्लॉग में टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारियों को आसान भाषा में समझाया है। टेक्नोलॉजी से जुड़े युवा आसान शब्दों में जानकारी लेने के लिए उनके ब्लॉग पढ़ते हैं। अमेरिका और ब्रिटेन के भी लोग उनके ब्लॉग को नियमित पढ़ते हैं।
खेल-खेल में बनाया मोबाइल गेम
बलूनी पब्लिक स्कूल के 8वीं के छात्र अनंत उदित पाठक को बचपन से कुछ क्रिएटिव करने का शौक था। एनिमेशन में रुचि होने के कारण उसने इसका कोर्स करने का निर्णय लिया। लेकिन कोर्स के लिए उम्र बाधा बन गई। कम उम्र होने के कारण उसे एनिमेशन कोर्स में एडमीशन नहीं मिल सका। बाद में उसने अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया और नियमों में ढिलाई कर उसे दाखिला दे दिया गया। हाल में अनंत ने आर्टिफिशल इटेलीजेंस पर आधारित मोबाइल गेम बनाया है। इसे काफी पसंद किया जा रहा है। इसके बनाए कार्टून कैरेक्टर कई एनिमेशन कंपनियों को पसंद आए हैं।
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