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अगर आप भी हैं सेहत के लिए फिक्रमंद तो ये खबर हो सकती है आपके काम की

आधा घंटा योग दिन भर के लिए ऊर्जा का करता है संचार। कई गंभीर बीमारियों के लिए लाभकारी है योग।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 04:28 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 04:28 PM (IST)
अगर आप भी हैं सेहत के लिए फिक्रमंद तो ये खबर हो सकती है आपके काम की
अगर आप भी हैं सेहत के लिए फिक्रमंद तो ये खबर हो सकती है आपके काम की

आगरा, कुलदीप सिंह। अक्सर लोग बीमार होने पर उसके इलाज के लिए योगाभ्यास शुरू करते हैं। आसान मिलने के बाद योग करना बंद कर देते हैं। इससे अन्य बीमारी फिर उन्हें अपनी चपेट में ले लेती है। अगर आप इसलिए योग नहीं कर रहे कि पता नहीं इससे कोई फायदा होगा या नहीं तो अब आपकी शंका का समाधान हो चुका है। इस बात के प्रमाण मिल चुके हैं कि कई तरह के योगासन बीमारियों का निदान कर सकती हैं। लोग अपनी दिनचर्या से थोड़ा भी समय निकालें तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। योग करने के फायदे और किन बीमारियों में मिलता है फायदा। .

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योग आसन कब करना चाहिए
आसन सुबह के समय करना ही सबसे अच्छा होता है। सुबह आपके पास समय नहीं है, तो शाम या रात को खाना खाने से आधा घंटा पहले भी कर सकते हैं। भोजन करने के 3-4 घंटे बाद और हल्का नाश्ता लेने के एक घंटे बाद योगासन कर सकते हैं। चाय-छाछ आदि पीने के आधे घंटे बाद और पानी पीने के 10-15 मिनट बाद आसन करना बेहतर रहता है।

योग कहां और कैसे करें
खुली एवं ताजी हवा में योगासन करना सबसे अच्छा माना जाता है। अगर ऐसा न हो, तो किसी भी खाली जगह पर आसन किए जा सकते हैं। जहां योगासन करें, वहां का माहौल शांत होना चाहिए। उस स्थान पर मन को शांत करने वाला संगीत भी हल्की आवाज में चलाया जा सकता हैं। सीधे फर्श पर बैठकर योगासन न करें। योगा मैट, दरी या कालीन जमीन पर बिछाकर योगासन कर सकते हैं। योगासन करते समय सूती के या थोड़े ढीले कपड़े पहनना बेहतर रहता है। टी-शर्ट या ट्रेक पैंट पहनकर भी योगासन कर सकते हैं।

योग से दूर करें तनाव
कामकाजी लोगों में कई तरह की शारीरिक परेशानियां कम उम्र में ही देखने को मिल रही हैं। दरअसल, इसकी वजह है फिटनेस-हेल्थ पर ध्यान न देना। कामकाजी लोगों में बिगड़ी जीवनशैली के कारण उन्हें तरह-तरह की अन्य समस्याएं भी बनी रहती हैं, जैसे शरीर में सही तरह से रक्त संचार न होना, पाचन तंत्र में गड़बड़ी का होना। इन बीमारियों से निपटने के लिए सूर्य नमस्कार, सुप्त वज्रासन, सर्वांगासन, धनुरासन, उत्तानासन, सुबह-शाम योगनिद्रा और शवासन करने चाहिए। इनसे उनकी जीवनशैली तो संतुलित होगी ही, साथ ही बीमारियों से भी छुटकारा मिलेगा।

लड़कियों-युवतियों के लिए योग
किशोर उम्र की लड़कियों और युवतियों के लिए सूर्यासन यानी सूर्य नमस्कार एक उपयोगी योगासन है। जो युवतियां सुडौल शरीर की चाहत रखती हैं, वे उदरासन कर सकती हैं। अपनी काया निखारने हेतु उन्हें सर्वांगासन भी करना चाहिए। इससे पूरे शरीर का व्यायाम होता है और पूरी काया में निखार आता है। युवतियों के लिए प्राणायाम करना भी काफी कारगर है। जो युवतियां कामकाजी हैं, उन्हें प्राणायाम जरूर करना चाहिए, इससे थकान दूर होती है।

ये सावधानियां भी बरतें
-योग में विधि, समय, निरंतरता, एकाग्रता और सावधानी जरूरी है।
-कभी भी आसन झटके से न करें और उतना ही करें, जितना आसानी से कर पाएं। धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं।
-कमर दर्द हो तो आगे न झुकें, पीछे झुक सकते हैं।
-अगर हार्निया हो तो पीछे न झुकें।
-दिल की बीमारी हो या उच्च रक्तचाप हो तो तेजी के साथ योगासन नहीं करना चाहिए। शरीर कमजोर है, तो फिर योगासन आराम से करें।

ये आसन होते हैं सबसे लाभकारी

अनुलोम-विलोम -दिल की बीमारियों से लेकर सांस की बीमारी के लिए यह फायदेमंद है। दाहिने तरफ के नथुने से सांस लेने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है वहीं बाईं नथुने से सांस लेने से दिमाग की क्षमता बढ़ जाती है और काफी आराम भी मिलता है। ब्लड प्रेशर में भी गिरावट होती है।

धीमी भस्त्रिका - इससे तनाव कम होता है। तनाव से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए यह अचूक इलाज है।

कपालभाति - मस्तिष्क का विकास करता है। उसकी क्षमता को बढ़ाता है। शरीरिक क्षमता भी काफी बढ़ जाती है।

शीतली - सांस संबंधी बीमारियों में इससे काफी लाभ होता है।

प्राणायाम - प्राणायाम से प्रभाव शरीर और दिमाग दोनों पर देखने को मिलता है। इसे करने वाले शारीरिक रूप से स्वस्थ और मानसिक रूप से काफी संतुलित होते हैं। प्राणायाम करने वालों की मेमोरी, फोकस करने की क्षमता और किसी समस्या से निपटने की ताकत ज्यादा होती है।

किस बीमारी में करें कौन सा आसन

दमा (अस्थमा), सांस संबंधी बीमारियों में योगासन
- शीर्षासन समूह, सर्वांगासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन, वीरासन, उष्टासन, पर्यंकासन, पश्चिमोत्तानासन, सुप्त वीरासन, नाडी-शोधन प्राणायाम, सूर्यभेदन प्राणायाम, उड्डियान बंध, योग निद्रा।

उच्च रक्तचाप
- पद्मासन, पश्चिमोत्तानासन, सिद्धासन, पवनमुक्तासन, नाड़ी-शोधन प्राणायाम (कुंभक को छोड़कर), सीतकारी, शीतली, चन्द्रभेदन प्राणायाम, उज्जायी, योग निद्रा इत्यादि किये जा सकते हैं ।

निम्न रक्तचाप
- शशांकासन, नाडी-शोधन प्राणायाम, भस्त्रिका, कपाल-भाति, सूर्य भेदन प्राणायाम, सालंब शीर्षाशन, सर्वागासन, हलासन, कर्ण पीड़ासन, वीरासन सूर्य नमस्कार।

मधुमेह
- शीर्षासन एवं उसके समूह, सूर्य नमस्कार, सर्वागासन, महामुद्रा, मंडूकासन मत्यस्येन्द्रासन, शवासन, नाडी-शोधन।

मिर्गी
- मिर्गी की बीमारी में हलासन, महामुद्रा, पश्चिमोत्तानासन, शशांकासन, भुजंगासन और बिना कुंभक के नाड़ी-शोधन प्राणायाम, अंतकुंभक के साथ उज्जायी प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, योग निद्रा।

माइग्रेन
-शीर्षासन, सर्वागासन, पश्चिमोत्तानासन, पद्मासन, सिद्धासन, वीरासन, शवासन, बिना कुंभक के नाड़ी-शोधन प्राणायाम, योग निद्रा।

मोटापा दूर करने के लिए योगासन
मोटापा कम करने या दूर करने के लिए विशेष तौर पर उर्जादायक खास आसन एवं क्रियाएं, सूर्य नमस्कार, शीर्षासन तथा उसका समूह, सर्वागासन, हलासन, पवनमुक्तासन समूह की क्रियाएं, विपरीतकरणी मुद्रा एवं वे सभी आसन जो पेट संबंधित रोग व अजीर्णता के लिए हैं किये जा सकते हैं।

विशेषज्ञ की राय

कामकाजी लोग अब जिम के बजाए योग को प्राथमिकता दे रही हैं। योग से तनाव दूर रहने के साथ शारीरिक समस्याओं से भी आराम मिल रहा है। सुबह आधा घंटा योग उन्हें कई बीमारियों से बचाने के साथ तन और मन को स्वस्थ रखता है।
डॉ के. पी. सिंह, योगाचार्य 

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