घर और ऑफिस के चक्कर में कहीं आप भी तो नहीं बन रहीं घनचक्कर
जून से लेकर अगस्त तक आगरा सहित देश के 10 शहरों में हुआ सर्वे। वेदा लाइफ रिसर्च संस्था ने किया सर्वे। आगरा में कामकाजी महिलाओं में ओवरटाइम का औसत राष्ट्रीय औसत 32 फीसद से दोगुने से अधिक 72 फीसद।
आगरा सहित 10 शहरों में कामकाजी महिलाओं पर सर्वे
घर में चिकचिक, मोटापा और अवसाद की हो रहीं शिकार
आगरा[नेहा सिंह]: कामकाजी महिलाएं तनाव में हैं। दफ्तर में काम के बोझ से खुद का तो ख्याल रख ही नहीं पा रही हैं। घर पर भी चिकचिक हो रही है। मोटापा और अवसाद जैसी बीमारी की गिरफ्त में आ रही हैं।
कामकाजी महिलाओं की हालत का ये आकलन एक सर्वे के दौरान सामने आया है। जून से लेकर अगस्त तक ये सर्वे आगरा सहित देश के 10 शहरों में किया गया। सर्वे करने वाली वेदा लाइफ रिसर्च संस्था के निदेशक डॉ. प्रणव प्रकाश बताते हैं कि आगरा में कामकाजी महिलाओं में ओवरटाइम का औसत राष्ट्रीय औसत 32 फीसद से दोगुने से अधिक 72 फीसद है। इन्हें खाना खाने के लिए समय नहीं मिलता है, काम के बोझ से तनाव में हर चार में से एक कामकाजी महिला घर में पति से विवाद और पारिवारिक समस्या से जूझ रही है। इससे अवसाद की शिकार हो रही हैं। ये महिलाएं बीमारी का घर बनती जा रही हैं। इन्हें 30 से 45 साल की उम्र में मोटापा, त्वचा संबंधी समस्या, मधुमेह, थायरॉयड के साथ पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की शिकार हो रही हैं। इससे मासिक धर्म अनियमित होने के साथ चेहरे पर बाल निकल रहे हैं, गर्भधारण में भी समस्या आ रही है।
इन शहरों में हुआ सर्वे
- आगरा, दिल्ली, मुंबई, कानपुर, चंडीगढ़, जयपुर, पटना, रांची, वाराणसी और भोपाल।
- सर्वे में 5795 महिलाएं शामिल की गईं, इसमें से आगरा की 580 महिलाएं थीं।
ये है आगरा का हाल
देश में ओवरटाइम का औसत - 32 फीसद आगरा में 72 फीसद
वजन बढऩा - 43 फीसद आगरा में 53 फीसद
त्वचा संबंधी बीमारी - 44 फीसद आगरा में यह 56 फीसद
ये है देश का हाल
-19 फीसद कामकाजी महिलाएं बीमार होने पर छुट्टी लेती हैं
-32 फीसद बीमार होने के बाद भी काम पर जाती हैं।
-16 फीसद कामकाजी महिलाएं पीसीओएस से पीडि़त हैं।
ये है हेल्थ कार्ड
- दिल्ली की महिलाएं ऑफिस की जल्दबाजी में अक्सर नाश्ता नहीं ले पाती हैं।
-मुंबई और कानपुर की कामकाजी महिलाओं में बालों के गिरने की समस्या।
- जयपुर, पटना और भोपाल की कामकाजी महिलाओं में आत्मविश्वास गिर रहा है।
- चंडीगढ़ की महिलाएं त्वचा संबंधी परेशानियों से पीडि़त हैं।
-रांची में महिलाओं का बढ़ता वजन परेशानी पैदा कर रहा है।
यह हैं आंकड़े
चिंता
322 55 फीसद
बीमारी के कारण अनुपस्थित होना 324 19.81 फीसद
बीमारी के बाद भी उपस्थित 121 32.58 फीसद
ब्लड शुगर 48 8 फीसद
ब्लड प्रेशर 117 20.7 फीसद
लिपिड 58 10 फीसद
थाइराइड 89 15 फीसद
पीसीओएस 49 8.45 फीसद
वेट इशू 309 53 फीसद
त्वचा संबंधी समस्या 327 66 फीसद
आत्मविश्वास का स्तर 38 6 फीसद
जीवन पर नियंत्रण 98 16 फीसद
बालों का झडऩा 367 63 फीसद
हड्डी की स्थिति 95 16 फीसद
रिश्ते की समस्या 165 28 फीसद
कार्यालय का दवाब 275 45 फीसद
ओवर टाइम काम 736 72 फीसद
नाश्ता छोडऩा 239 34 फीसद।