Women's day: सफलता के नए सोपान गढ़ती आ रही है ताजनगरी की आधी आबादी Agra News
आनंदना गर्ग का नाम दर्ज हुआ लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में। 2018 में आगरा की पूर्व मेयर बेबी रानी मौर्या बनीं उत्तराखंड की राज्यपाल। हमेलता काला 2016 में मुख्य चयनकर्ता हैं भ
आगरा, जागरण संवाददाता। महिला के कई रूप हैं। बेटी, पत्नी, मां के रूप में हर रिश्ते को संभालने वाली महिला सामाजिक और व्यवसायिक क्षेत्रों में भी सफलता के सोपान गढ़ती है। ताजनगरी की महिलाओं ने भी कई क्षेत्रों में सफलता का सीढ़ियां चढ़ी हैं। आइए जानते हैं शहर की कुछ चुनिंदा महिलाओं की कुछ उपलब्धियों के बारे में-
आनंदना गर्ग ने बनाया रिकॉर्ड
आगरा की आनंदना गर्ग ऐसा ही एक नाम है। पश्चिम पुरी निवासी आंचल व अनिल गर्ग की सुपुत्री आनंदना गर्ग मुंबई में रहती है। 2017 में वह मिसेज इंडिया स्प्लेंडन्ट स्टार बनी। इसी साल मिसेज इंडिया रिमार्केबल वेस्ट का खिताब भी पहना। 2018 में आय एम मी रॉयल इंडिया वर्ल्ड का ताज अपने नाम किया। पिछले दिनों आनंदना ने एक और इतिहास रचा है। 17 मिनट 53 सेकेंड में ए से जेड के आकार की 26 चॉकलेट बनाई। इस उपलब्धि पर आनंदना का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2020 में दर्ज हुआ है।
कार्यकर्ता से राज्यपाल तक का सफर
उत्तराखंड की वर्तमान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने अपना राजनैतिक सफर भाजपा की एक कार्यकर्ता के रूप में 1990 में शुरू किया था। 26 अगस्त 2018 को उन्होंने उत्तराखण्ड की सातवीं राज्यपाल के तौर पर शपथ ली। बेबी रानी मौर्य 1995 से 2000 तक आगरा की महापौर रहीं। वह आगरा की महापौर बनने वाली पहली महिला थीं। 2002 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं। 1997 में, मौर्य को भाजपा की अनुसूचित जाति (एससी) शाखा की पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। 2001 में, उन्हें उत्तर प्रदेश सामाजिक कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाया गया था। जुलाई 2018 में, उन्हें बाल अधिकार संरक्षण के राज्य आयोग का सदस्य बनाया गया था।
स्टेफी ग्राफ को देखकर खेलना शुरू किया
टीवी पर स्टेफी ग्राफ को जब टेनिस खेलते देखा तो सोचा कि मैं भी भारत की स्टेफी ग्राफ बनूंगी। यह कहना है कि भारतीय महिला क्रिकेट बोर्ड की मुख्य चयनकर्ता हेमलता काला का। स्टेडियम में टेनिस नहीं था तो एथलेटिक्स में नाम लिखवा दिया। कालोनी के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी। उन्हीं दिनों प्रेम विद्यालय, दयालबाग में क्रिकेट कैंप लगा। वहां से क्रिकेट का सफर शुरू हुआ। 1988 से क्रिकेट खेल रही हेमलता का चयन 1993 में इंडिया कैंप के लिए हुआ। 1999 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला मैच खेला। हेमलता अपने करियर में 78 वन डे, सात टेस्ट मैच, एक टी 20 मैच खेल चुकी हैं। 2015 में राष्ट्रीय महिला क्रिकेट चयनकर्ता के रूप में काम शुरू किया। 2016 में मुख्य चयनकर्ता के रूप में नियुक्त हुईं। वर्तमान में हेमलता रेलवे में सीओएफ हैं।