नियम पालन में पिछड़ी महिलाएं: सड़क पर फर्राटा भरने में आगे और DL में पीछे Agra News
तीन साल में 189035 पुरुषों ने डीएल बनवाए हैं। वहीं डीएल बनवाने वाली महिलाएं युवतियां 12191 से ऊपर नहीं निकल पाईं।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताज नगरी की सड़कों पर पुरुषों के मुकाबले स्कूटी, कार से फर्राटा भरती महिलाएं भी खूब दिख जाएंगी, लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने में वह पुरुषों के मुकाबले काफी पिछड़ी हुई हैं। आरटीओ ऑफिस के रिकार्ड के अनुसार पिछले तीन साल में 1,89,035 पुरुषों ने डीएल बनवाए हैं। वहीं डीएल बनवाने वाली महिलाएं, युवतियां 12191 से ऊपर नहीं निकल पाईं।
2018 में 11 तथा 2019 में 12 मंगलामुखी के बने लाइसेंस
2018 से पहले मंगलामुखी का लाइसेंस बनाने का प्रावधान नहीं था। इस मामले को लेकर कुछ मंगलामुखी कोर्ट गए। कोर्ट ने आदेश दिया तो उनके लाइसेंस बनना शुरू हुआ। 2018 में 11 तथा 2019 में 12 मंगलामुखी ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए हैं।
वर्ष पुरुष महिलाएं मंगलामुखी
2017 56604 3600 0
2018 56501 3612 11
2019 75930 4979 12
चेकिंग अधिकारी नहीं देते महिला चालकों पर ध्यान
- ड्राइविंग लाइसेंस में लापरवाही बरतने में महिलाओं से ज्यादा चेकिंग करने वाले अधिकारी जिम्मेदार हैं। अक्सर देखा जाता है कि चेकिंग के दौरान हेलमेट, सीटबेल्ट आदि न लगाने वाले पुरुष चालक को रोककर उसका चालान कर दिया जाता है, लेकिन महिलाओं एवं युवतियों को देख चेकिंग अधिकारी आंखे फेर लेते हैं। इसी का फायदा उठाकर ïवह निकल जाती हैं और लापरवाह बनी हुई हैं।
एक साल में 15097 वाहनों के हुए चालान
- वैसे तो आरटीओ प्रवर्तन की टीम बड़े एवं भारी वाहनों की चेकिंग कर चालान तथा सीज की कार्रवाई करती हैं, लेकिन मुख्यालय से 2018 में आए निर्देश के बाद प्रत्येक बुधवार को सीटबेल्ट तथा हेलमेट की चेकिंग के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक एआरटीओ (प्रवर्तन), पीटीओ को चालान का लक्ष्य दिया जाता है। आरटीओ प्रवर्तन की टीम के अनुसार उन्होंने 2019 में छोटे-बड़े 15097 वाहनों के चालान, 2202 वाहन सीज कर उनसे 173.22 लाख रुपये का राजस्व वसूला।
यातायात नियमों को तोडऩे में सबसे आगे
- ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में भले ही महिलाएं एवं युवतियां पिछड़ रहीं हो, लेकिन यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने में वह पुरुषों के मुकाबले कहीं अधिक आगे हैं। अधिकांश महिलाएं एवं छात्राएं हेलमेट का प्रयोग नहीं करतीं। कार सवार महिलाएं सीटबेल्ट लगाकर ड्राइविंग को अपनी शान के खिलाफ समझती हैं। शहर में अक्सर महिलाओं एवं युवतियों को रेड लाइट जंप करते हुए देखा जा सकता है।
20 फीसद छोटे वाहनों का होता है महिलाओं के नाम रजिस्ट्रेशन
-वर्ष 2019 में आगरा शहर में 888829 स्कूटी एवं बाइक की बिक्री हुई। इसी तरह 128800 कार की लोगों ने खरीदारी की। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक अनुमान के अनुसार 20 फीसद स्कूटी एवं कार का महिलाओं के नाम रजिस्ट्रेशन हुआ है।
अब हो रहीं धीरे धीरे जागरुक
लर्निंग लाइसेंस टेस्ट में यदि किसी महिला को कंप्यूटर चलाने में परेशानी होती है तो उसकी मदद कर दी जाती है। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना अपराध है, यह स्वयं महिलाओं को समझना चाहिए। नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू होने के बाद डीएल बनवाने के प्रति महिलाएं जागरूक हुई हैं।
अशोक कुमार, आरटीओ (प्रशासन)