उठाओ कथाएं इतिहास की, छाए हुए हर ओर हैं हम, पढ़ें आगरा में शहीद के घर पहुंच क्या बोलीं वीरनारियां
विंग कमांडर पृथ्वी के घर पहुंचीं तीन वीरनारियां बिलखते पिता सुरेंद्र से बोलीं हमने भी खोया है सिंदूर फिर भी आपके सामने खड़े हैं। पुलवामा शहीद कौशल कुमार की पत्नी ममता के साथ कन्नौज से आईं आरजू और उन्नाव से प्रतिभा।
आगरा, राजीव शर्मा। विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के घर पर शुक्रवार को शोक संवेदनाएं व्यक्त करने वालों की भीड़ थी। इस भीड़ में तीन ऐसे भी लोग थे जिनका इस परिवार से सिर्फ एक ही रिश्ता था- बलिदान का। अपने के बिछुडऩे से रोते-रोते सूख चुकीं आंखों में संवेदनाओं का समंदर लेकर पहुंचीं ये तीन वीरनारियां थीं। आईं थीं आगरा, उन्नाव और कन्नौज से। पृथ्वी को पुष्पांजलि दी और फिर उनके पिता सुरेंद्र सिंह से मिलीं। कहा कि हमने भी अपना सिंदूर खोया है, फिर भी हम आपके सामने खड़े हैं। उनकी हौसला आफजाई मानो इस तरह से थी- उठाओ कथाएं बलिदान की, छाए हुए हर ओर हैं हम।
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के घर शुक्रवार को भी लोगों के आने का तांता लगा रहा। दरअसल, शुक्रवार को दिल्ली से पार्थिव देह के आने की सूचना थी। इसी सूचना पर दूर-दूर से भी लोग अंतिम दर्शन करने आए। दोपहर में तीन महिलाएं एक साथ आईं। कमरे में रखी विंग कमांडर की फोटो के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की और कमरे में बैठ गईं। इसी बीच मुख्यमंत्री के आने की सूचना आई। मुख्यमंत्री के चले जाने के बाद तीनों महिलाएं ङ्क्षवग कमांडर के पिता सुरेंद्र सिंह से मिलीं। आंसू पोंछे, ढांढस बंधाया और कहा, हम समझ सकते हैैं आपका दर्द। हमने भी अपना ङ्क्षसदूर खोया है। आपके बेटे की शौर्य गाथा हमेशा गायी जाएगी। आप हिम्मत रखिए। कहा, कि हादसे में सैन्य अधिकारी के निधन की खबर सुनकर अपने आपको रोक न सकीं। इसलिए अपना परिवार समझकर वह पृथ्वी को नमन करने आई हैं। बाद में इन्होंने अपना परिचय दिया। अपने नाम कहरई निवासी ममता रावत, कन्नौज निवासी आरजू शुक्ला और प्रतिभा बताया।
ये पहुंचीं वीरनारियां
आरजू शुक्ला: कन्नौज निवासी बलिदानी गोपाल बाबू शुक्ला की पत्नी। गोपाल बाबू आर्मी की 33 रेजीमेंट में थे। वह सियाचिन के गलवान वैली में तैनात थे। 23 सितंबर 2020 को बर्फबारी में उनकी मृत्यु हो गई थी। आरजू ने कहा कि उन्हें गर्व होता है, वह एक बलिदानी की वीरनारी हैं। मगर, उनकी कमी अक्सर खलती है।
प्रतिभा: उन्नाव निवासी बलिदानी विजय कुमार की पत्नी। विजय कुमार सीमा सुरक्षा बल में थे। 30 अक्टूबर 2018 को पुलवामा में चुनाव ड्यूटी के दौरान आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। वो वीरगति को प्राप्त हो गए। प्रतिभा ने बताया कि तब वो गर्भवती थीं। जन्म के बाद उनकी बेटी अपने पिता का चेहरा तक नहीं देख पाई।
ममता रावत: आगरा के गांव कहरई निवासी बलिदानी कौशल कुमार रावत की पत्नी। कौशल कुमार 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले में देश पर न्यौछावर हो गए थे। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा अभिषेक रावत रूस से चिकित्सा की पढ़ाई कर रहा है। ममता रावत कहती हैं कि छोटे बेटे को वह एयरफोर्स में भेजेंगी। इसके लिए उसे तैयारी करा रही हैं।