बिना किताब बनेंगे 'लाट साहब'
जिले में हैं कुल 2957 परिषदीय स्कूल हैं। 80 स्कूलों को इसी सत्र से अंग्रेजी माध्यम में संचालित किया गया है। लेकिन स्कूलों के लिए जो रूपरेखा तैयार की गई थी, वह धरातल पर नहीं ले सकती मूर्त रूप।
आगरा(जागरण संवाददाता): बड़ी उम्मीद से प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को सीबीएसई स्कूलों के बच्चों के समकक्ष खड़ा करने के लिए योजना तैयार की गई थी। सोचा था, यहां के बच्चे भी 'लाट साहब' जैसी फर्राटा अंग्रेजी बोलेंगे और किसी भी स्तर पर उनके मन में हीन भावना नहीं आएगी।
योजना तैयार हुई और उसे बिना व्यवस्था मूर्त रूप दे दिया गया। अब तक इन स्कूलों में न तो किताबें पहुंच सकी हैं और न ही पर्याप्त संख्या में शिक्षक, जो शिक्षक इन स्कूलों में गए हैं वे भी मौखिक पढ़ाई कराकर काम चला रहे हैं। जिले में कुल 2957 परिषदीय स्कूलों में से 80 स्कूलों को इसी सत्र से अंग्रेजी माध्यम में संचालित किया गया है। लेकिन इन स्कूलों के लिए जो रूपरेखा तैयार की गई थी, वह धरातल पर मूर्त रूप नहीं ले सकी है। अभी इन स्कूलों में न तो पर्याप्त संख्या में शिक्षक पहुंचे हैं और न ही पठन-पाठन की सामग्री। स्कूलों में शिक्षक विद्यार्थियों को मौखिक रूप से बोल-बोलकर पढ़ा रहे हैं।
जानकारों का कहना है कि सरकार ने बिना व्यवस्था के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का संचालन शुरू कर दिया है। बिना किताबों के इन स्कूलों में पढ़ाई संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों का सालाना परिणाम आशा के अनुरूप नहीं निकलेगा? बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि अभी किताबें नहीं आई हैं। जैसे ही किताबों की आपूर्ति होगी, वैसे ही अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में किताबें पहुंचा दी जाएंगी।
..तो अब प्राथमिकता में नहीं है अंग्रेजी माध्यम के स्कूल:
अंग्रेजी माध्यम के स्कूल भले ही योगी सरकार की प्राथमिकता में शामिल हों, लेकिन पुस्तकों का प्रकाशन कर वितरण कराने के कार्य में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल पिछड़ गए हैं। ¨हदी माध्यम के स्कूलों के लिए कक्षा सात और आठ की हजारों पुस्तकें आ चुकी हैं। जबकि अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के लिए अभी तक एक भी पुस्तक नहीं आई है। अगस्त से पहले किताबें आने की उम्मीद नहीं है।